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मैनपुरी के गांव शिवपुर और जसवंतपुर की महिलाओं ने शराब के ठेके के खिलाफ आवाज बुलंद की है। महिलाओं ने डीएम कार्यालय पहुंचकर ठेका बंद कराने की मांग की। आरोप है कि ठेके के कारण गांव का माहौल और महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है।
ठेके के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन
Mainpuri: जनपद में शराब के ठेके को लेकर ग्रामीण महिलाओं और बालिकाओं का आक्रोश अब खुलकर सामने आने लगा है। गांव में खुले शराब के ठेके से परेशान महिलाओं ने आज जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराया और डीएम मैनपुरी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए ठेका बंद कराने की मांग की। महिलाओं का कहना है कि शराब के ठेके के कारण गांव का माहौल खराब हो गया है और उनका घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है।
यह मामला जनपद मैनपुरी की तहसील भोगांव के अंतर्गत आने वाले गांव शिवपुर और जसवंतपुर से जुड़ा हुआ है। इन दोनों गांवों की महिलाओं और बालिकाओं ने एकजुट होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखी। महिलाओं का आरोप है कि दूसरे गांव का शराब का ठेका हटाकर उनके गांव शिवपुर में खोल दिया गया है, जिससे गांव में अशांति फैल रही है।
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महिलाओं और बालिकाओं द्वारा दिए गए ज्ञापन में जिलाधिकारी से मांग की गई है कि गांव शिवपुर में खोले गए शराब के ठेके को तत्काल बंद कराया जाए या उसे गांव से दूर अपूर्वपुर क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि शराब का ठेका गांव की आबादी के बीच होने से सामाजिक वातावरण बिगड़ रहा है और महिलाओं की सुरक्षा पर सीधा खतरा पैदा हो गया है।
गांव की महिला शिमला देवी ने बताया कि शराब का ठेका खुलने के बाद दूसरे गांवों से भी शराबी उनके गांव में आने लगे हैं। शराब पीकर ये लोग गांव की गलियों में घूमते रहते हैं और महिलाओं व बालिकाओं पर अभद्र टिप्पणियां करते हैं। इससे न केवल महिलाओं की इज्जत और सुरक्षा खतरे में है, बल्कि बच्चों पर भी इसका गलत असर पड़ रहा है।
महिलाओं का कहना है कि ठेके के आसपास शराबियों की भीड़ लगी रहती है, जिससे गांव की लड़कियों का स्कूल जाना और महिलाओं का दैनिक कार्यों के लिए बाहर निकलना कठिन हो गया है। कई बार शराबियों द्वारा गाली-गलौज और छींटाकशी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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धरने में शामिल होने आई मीरा देवी ने बताया कि अपूर्वपुर गांव का शराब का ठेका हटाकर उनके गांव में खोल दिया गया है, जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द ठेके को बंद नहीं कराया गया तो महिलाएं अपने आंदोलन को और व्यापक रूप देंगी। अभी तक सभी महिलाएं कानून के दायरे में रहकर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रही हैं, लेकिन मजबूर होने पर आंदोलन को तेज किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि शराब के ठेके के कारण गांव में झगड़े, घरेलू हिंसा और आपसी विवाद बढ़ रहे हैं। शराब पीकर लोग घरों में लड़ाई-झगड़ा करते हैं, जिसका सीधा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। महिलाओं ने आरोप लगाया कि ठेके के कारण गांव में शांति व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है।