

जिले के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सुकृत पावरहाउस उपकेंद्र के डोंगिया फीडर पर एक दर्दनाक हादसे में 45 वर्षीय मंजू देवी पत्नी राजू प्रजापति की करंट लगने से मौत हो गई।
सोनभद्र में करंट से महिला की मौत
Sonbhadra: जिले के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सुकृत पावरहाउस उपकेंद्र के डोंगिया फीडर पर एक दर्दनाक हादसे में 45 वर्षीय मंजू देवी पत्नी राजू प्रजापति की करंट लगने से मौत हो गई। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने जूनियर इंजीनियर (JE) सुशील गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि घटना के वक्त कई बार JE को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में जब फोन रिसीव किया, तो उन्होंने एसडीओ, एक्सईएन और एसई से बात करने की बात कहकर गंभीर लापरवाही दिखाई। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि समय रहते बिजली आपूर्ति बंद की जाती तो मंजू देवी की जान बचाई जा सकती थी।
घटना की जानकारी मिलते ही घोरावल विधायक डॉ. अनिल कुमार मौर्य पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों से बात कर पूरी घटना की जानकारी ली। मौके पर ही उन्होंने सोनभद्र एक्सईएन को फोन कर JE सुशील गुप्ता को हटाने का निर्देश दिया। विधायक ने कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
#sonbhadra : रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र में करंट लगने से मंजू देवी (45) की दर्दनाक मौत, सुकृत पावरहाउस के डोंगिया फीडर से जुड़ा मामला।
लापरवाही पर ग्रामीणों में आक्रोश, विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल।#UttarPradesh #ElectricityDept #AccidentNews pic.twitter.com/mm8UAyJvAP— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 4, 2025
मामला जब राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड तक पहुंचा, तो उन्होंने भी विद्युत विभाग के प्रबंध निदेशक (MD) को पत्र लिखकर JE को तत्काल हटाने की मांग की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
ग्रामीणों और जिला पंचायत सदस्य मधुपुर का आरोप है कि JE अक्सर उपभोक्ताओं को धमकाता था और कहता था कि उसने लाखों खर्च कर नियुक्ति पाई है, इसलिए कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लोगों का कहना है कि कुछ ऊंचे अधिकारी JE को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, जो चिंताजनक है।
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विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों ने कहा है कि मामला गंभीर है, और नियमानुसार विभागीय जांच की जा रही है। दूसरी ओर, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि JE को जल्द नहीं हटाया गया और पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
अब यह देखना होगा कि विधायक और राज्यमंत्री के हस्तक्षेप के बावजूद JE के खिलाफ विभाग क्या कार्रवाई करता है, और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं — इसका जवाब आने वाला वक्त देगा।