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महराजगंज के ग्राम पंचायत बसडिला में पंचायत चुनाव से पहले सैकड़ों मतदाताओं के नाम सूची से कटने पर हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से जांच और नाम जोड़ने की मांग की है।
नाम कटे तो भड़के ग्रामीण
चुनाव से पहले अगर किसी का वोट ही छीन लिया जाए तो क्या बचेगा लोकतंत्र में? कुछ ऐसा ही मामला महराजगंज जिले के एक गांव से सामने आया है, जहां पंचायत चुनाव से पहले सैकड़ों ग्रामीणों के नाम मतदाता सूची से गायब हो गए। इस खुलासे के बाद गांव में गुस्सा, डर और साजिश की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
बसडिला गांव में मचा बवाल
महराजगंज जनपद की निचलौल तहसील के विकास खंड सिसवा अंतर्गत ग्राम पंचायत बसडिला में पंचायत निर्वाचन नामावली को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि नई प्रकाशित पंचायत मतदाता सूची से सैकड़ों पात्र मतदाताओं के नाम बिना किसी ठोस वजह के काट दिए गए हैं। जिन लोगों ने पहले कई बार मतदान किया, उनके नाम भी अचानक लिस्ट से गायब मिले।
मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत
ग्रामीणों ने इस पूरे मामले को गंभीर मानते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा है। पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि पुरानी निर्वाचन सूची में जिन मतदाताओं के नाम दर्ज थे, उन्हें नई सूची से हटा दिया गया। वहीं दूसरी तरफ, नए नाम जोड़ने के लिए आवेदन और कागजात देने के बावजूद किसी का नाम शामिल नहीं किया गया।
बीएलओ पर उठे सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि पहले तैनात बीएलओ संगीता चौधरी ने घर-घर जाकर सर्वे किया था, गणना प्रपत्र भरे गए और मतदाताओं के हस्ताक्षर भी कराए गए थे। सबूत मौजूद होने के बाद भी नाम नहीं जोड़े गए। आरोप है कि सूची प्रकाशित होने से ठीक पहले बीएलओ को बदलकर मृदुला की तैनाती कर दी गई, जिन्होंने न तो कोई सर्वे किया और न ही स्थलीय जांच।
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राजनीतिक दखल की आशंका
ग्रामीणों को शक है कि यह सब जानबूझकर किया गया है ताकि कुछ लोगों को चुनाव से बाहर किया जा सके। उनका कहना है कि यह सीधे तौर पर मताधिकार पर हमला है और लोकतंत्र के खिलाफ है। सैकड़ों लोग अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हो गए हैं।
प्रशासन से न्याय की उम्मीद
युवा समाजसेवी मृत्युंजय सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से भी शिकायत की है। मांग की गई है कि पुरानी और नई मतदाता सूची का मिलान कर निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। फिलहाल गांव में चर्चाओं का माहौल गर्म है और लोग इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं।