

यूपी के वाराणसी जनपद में अधिवक्ता से पुलिस की बदसलूकी का मामला सामने आया है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
अधिवक्ता से बदसलूकी करता पुलिस (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच तनाव एक बार फिर सतह पर आ गया है। कचहरी जा रहे एक अधिवक्ता के साथ पुलिस सिपाही द्वारा दुर्व्यवहार और मोबाइल छीने जाने की घटना ने अधिवक्ता समाज में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना बड़ागांव थाना क्षेत्र के हरहुआ पुलिस चौकी की है, जहां अधिवक्ता अपनी कार से कचहरी की ओर जा रहे थे। रास्ते में उन्हें पुलिस द्वारा रोका गया, जिसके बाद सिपाही ने उनसे बहस शुरू कर दी। बात इतनी बढ़ गई कि सिपाही ने अधिवक्ता का मोबाइल फोन छीन लिया और उनसे दुर्व्यवहार किया। हालांकि बाद में मोबाइल वापस कर दिया गया, लेकिन तब तक यह मामला लोगों की नजर में आ चुका था और इसका वीडियो वायरल हो गया।
इससे पहले भी, एक दिन पहले ही इसी चौकी में एक अन्य अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार हुआ था। जानकारी के अनुसार, उस मामले में एक दरोगा द्वारा अधिवक्ता को थप्पड़ मारने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद दरोगा को लाइनहाजिर कर दिया गया था। लेकिन एक दिन बाद ही दूसरी घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अधिवक्ता अपनी कार में बैठे हैं और पुलिसकर्मी उनसे तीखी बहस कर रहा है। कुछ ही पलों में वह अधिवक्ता का मोबाइल छीन लेता है। यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर आया, अधिवक्ताओं में आक्रोश की लहर दौड़ गई।
अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यह लगातार हो रही घटनाएं यह दर्शाती हैं कि पुलिस अधिवक्ताओं के प्रति दुर्भावना रखती है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले में तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि दोषी सिपाही पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
इस घटना के बाद पुलिस महकमे में भी हलचल मच गई है। एसपी ग्रामीण ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा है कि दोषी पाए जाने पर संबंधित सिपाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अधिवक्ताओं का कहना है कि उन्हें केवल उनके पेशे के कारण टारगेट किया जा रहा है, जो पूरी तरह से निंदनीय है। प्रशासन यदि समय पर उचित कार्रवाई नहीं करता है, तो यह विवाद और भी गंभीर रूप ले सकता है।