

यूपी के वाराणसी जनपद में एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई, पिंडरा बाजार में कानूनगो को घूस लेते वक्त पकड़ा। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
कानूनगो रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
वाराणसी: जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए वाराणसी मंडल की एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को पिंडरा बाजार में एक कानूनगो को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी कानूनगो महेंद्र सिंह जमीन की पैमाइश कराने के एवज में पीड़ित से अवैध धन की मांग कर रहा था। इस पूरे मामले का भंडाफोड़ शिकायतकर्ता विजय कुमार की सजगता और एंटी करप्शन टीम की सक्रियता से हुआ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पूरा मामला फूलपुर थाना क्षेत्र के निवारी बरजी गांव का है। गांव निवासी विजय कुमार ने 5 जून को वाराणसी मंडल स्थित भ्रष्टाचार निवारण संगठन कार्यालय में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी मां सुगिया देवी के नाम से एक जमीन की पैमाइश कराने के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन दिया था। एसडीएम ने उक्त आवेदन पर कार्यवाही करते हुए संबंधित राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) महेंद्र सिंह को निर्देशित किया कि वह पैमाइश की प्रक्रिया पूरी करें।
प्रतीकात्मक छवि (फाटो सोर्स- इंटरनेट)
लेकिन जब विजय कुमार ने कानूनगो से संपर्क कर कार्यवाही करने को कहा, तो उसने 15 हजार रुपये की मांग की। विजय ने जब गरीबी का हवाला देकर पैसे देने में असमर्थता जताई, तो महेंद्र सिंह ने साफ कह दिया कि बिना घूस लिए वह पैमाइश नहीं करेगा। इस पर विजय कुमार ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन से की।
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन टीम ने जांच के बाद कार्रवाई की अनुमति मुख्यालय से प्राप्त की। इसके बाद एक ट्रैप योजना तैयार की गई। योजना के अनुसार, आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए विजय कुमार को पैसे के साथ पिंडरा बाजार भेजा गया। जैसे ही बुधवार को कानूनगो महेंद्र सिंह ने विजय कुमार से 15 हजार रुपये रिश्वत के तौर पर लिए, वहीं पहले से तैनात एंटी करप्शन टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कैंट थाने लाया गया, जहां उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब उससे पूछताछ की जा रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं वह अन्य मामलों में भी भ्रष्टाचार में संलिप्त तो नहीं है।
इस घटना के बाद जिला प्रशासन और राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में जमीन की पैमाइश और दाखिल-खारिज जैसे मामलों में रिश्वतखोरी की शिकायतें मिलती रहती हैं, लेकिन इस तरह की ठोस कार्रवाई कम ही देखने को मिलती है।
विजय कुमार ने कहा, 'मैं बेहद परेशान था। गरीब आदमी हूं, इतने पैसे कहां से लाता? लेकिन एंटी करप्शन टीम की मदद से मुझे न्याय मिला। अब उम्मीद है कि मेरी मां की जमीन की पैमाइश ईमानदारी से हो सकेगी।'