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यूपी बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव की पूरी समय-सारिणी जारी कर दी है। 13 दिसंबर को नामांकन, जांच और नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होगी, जबकि 14 दिसंबर को आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इस कार्यक्रम के जारी होने के बाद प्रदेश की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
प्रदेश महामंत्री संजय राय
Lucknow: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक चुनावों की सुगबुगाहट आखिरकार औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। पार्टी ने आगामी प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चयन के लिए विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है।
इस कार्यक्रम के सामने आते ही लखनऊ सहित पूरे प्रदेश की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल रही है, क्योंकि यह चुनाव अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले संगठन की दिशा और नेतृत्व तय करेगा।
बीजेपी द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 13 दिसंबर को पूरी नामांकन प्रक्रिया संपन्न होगी। दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक प्रदेश अध्यक्ष पद एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य पदों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसके तुरंत बाद 3 बजे से 4 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच का चरण होगा, जिसमें दावेदारों के दस्तावेज और पात्रता परखने की औपचारिकता पूरी की जाएगी।
नामांकन की जांच के बाद उम्मीदवारों को नाम वापसी का अवसर दिया जाएगा। यह चरण 13 दिसंबर को शाम 4 बजे से 5 बजे के बीच पूरा किया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यही वह समय होगा जब अंतिम उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो जाएगी और यह अंदाजा लगाया जा सकेगा कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर किस नेता का दावा सबसे मजबूत है।
कार्यक्रम के अनुसार, 14 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के नामों की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। अगर पद के लिए एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में रहते हैं, तो उसी दिन दोपहर 1 बजे मतदान कराया जा सकता है। मतदान होने की स्थिति में प्रदेशभर के निर्वाचक मंडल के सदस्य लखनऊ में एकत्र होंगे और मतदान प्रक्रिया पूरी करेंगे।
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भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पद संगठन का सर्वाधिक प्रभावशाली स्थान होता है, क्योंकि इसी नेतृत्व के दिशा-निर्देशों पर चुनावी रणनीतियां, बूथ प्रबंधन, कार्यकर्ता संचालन और आगामी चुनावों की रूपरेखा तय होती है। इसलिए नए अध्यक्ष के चयन को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज है।
नामांकन प्रक्रिया से पहले ही राजधानी लखनऊ में वरिष्ठ नेताओं की हलचल तेज हो गई है। कई संभावित दावेदारों के समर्थक सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। हालांकि पार्टी ने साफ किया है कि चुनाव पूरी तरह लोकतांत्रिक और पारदर्शी ढंग से होगा और किसी तरह की गुटबाज़ी या दबाव का असर नहीं पड़ेगा।