UP Toll Plaza: सिर्फ 100 रुपये के स्टांप से करोड़ों की लूट, अयोध्या के टोल प्लाजा पर बड़ा खुलासा

अयोध्या के फोरलेन पर संचालित तीन टोल प्लाजा—चौकड़ी (छावनी), मड़वानगर (बड़ेवन) और अकसड़ा (कलवारी)—एक बड़े स्टांप घोटाले में फंस गए हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 28 June 2025, 8:34 PM IST
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अयोध्या: अयोध्या के फोरलेन पर संचालित तीन टोल प्लाजा—चौकड़ी (छावनी), मड़वानगर (बड़ेवन) और अकसड़ा (कलवारी)—एक बड़े स्टांप घोटाले में फंस गए हैं। खुलासा हुआ है कि इन टोल कंपनियों ने एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के साथ करोड़ों के अनुबंध महज 100 रुपये के स्टांप पेपर पर किए, जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंचाया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस स्टांप चोरी को लेकर भारतीय स्टांप अधिनियम के तहत तीनों कंपनियों पर कुल 3 करोड़ 51 लाख 93 हजार 400 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई सहायक महानिरीक्षक निबंधन देवेन्द्र कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसमें स्पष्ट हुआ कि टोल वसूली अनुबंधों में निर्धारित स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया।

24 दिसंबर 2024 को इन तीनों कंपनियों के खिलाफ वाद दर्ज किया गया था। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता की अदालत में अब यह मामला अंतिम सुनवाई पर है। तीनों टोल कंपनियों को 30 जून 2025 को डीएम न्यायालय में पेश होने के लिए अंतिम अवसर दिया गया है। उन्हें अपने मूल दस्तावेजों के साथ स्टांप शुल्क जमा करने के साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। आदेश की अवहेलना की स्थिति में जुर्माने की राशि पर 1.5% मासिक ब्याज सहित वसूली की जाएगी।

सबसे बड़ा घोटाला किसका?

चौकड़ी टोल प्लाजा (छावनी) को संचालित करने वाली फर्म शिवा कारेपोरेशन पर सबसे ज्यादा 2 करोड़ 52 लाख 54 हजार 640 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, मड़वानगर (बड़ेवन) टोल प्लाजा की फर्म रिद्धि-सिद्धि एसोसिएट्स पर 86 लाख 11 हजार रुपये, और अकसड़ा (कलवारी) टोल प्लाजा की फर्म मेसर्स लालजी पाठक पर 13 लाख 27 हजार 160 रुपये का जुर्माना ठोका गया है। एनएचएआई से अनुबंध लेने वाली ये तीनों कंपनियां अलग-अलग राज्यों से हैं और किसी ने तीन माह के लिए तो किसी ने एक वर्ष के लिए टोल वसूली का ठेका लिया था। जैसे-जैसे यह मामला अंतिम सुनवाई की ओर बढ़ रहा है, जनपद में संचालित इन टोल कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है। जिलाधिकारी की अदालत द्वारा इन्हें स्टांप ड्यूटी चोरी का प्रथमदृष्टया दोषी माना गया है, जिससे अब प्रशासन की कार्रवाई और तेज होने की संभावना है।

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