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यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद ने यूपी पावर कारपोरेशन द्वारा बिना अनुमति प्रीपेड मीटर लगाने और 6016 रुपए वसूलने के मामले में CBI जांच की मांग की। नियमों का उल्लंघन और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोप गंभीर हैं
यूपी पावर कारपोरेशन पर सीबीआई जांच की मांग (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
Lucknow: स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर यूपी में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से बातचीत में यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि पावर कारपोरेशन ने बिना नियामक आयोग की अनुमति के उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगाना शुरू कर दिया है।
अवधेश वर्मा ने कहा कि मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से 6016 रुपए वसूले जा रहे हैं। यह कदम नियमों का उल्लंघन है और इसके लिए उपभोक्ताओं की शिकायत पहले ही प्रमुख सचिव ऊर्जा को की जा चुकी है।
7 सितंबर को पावर कारपोरेशन ने आदेश जारी किया कि लगभग साढ़े 3 करोड़ उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। नियामक आयोग ने भी पावर कारपोरेशन को चेतावनी दी है और जुर्माने का संकेत दिया है।
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अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया कि लगातार नियम बदलकर निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को भी शिकायत दी गई थी, लेकिन पावर कारपोरेशन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
इस विवाद के समाधान के लिए अवधेश वर्मा ने यूपी सरकार से मांग की है कि पावर कारपोरेशन की जांच सीबीआई कराए। उनका कहना है कि इससे उपभोक्ताओं का विश्वास लौटेगा और नियमों का पालन सुनिश्चित होगा।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के इस कदम से उपभोक्ताओं में चिंता और नाराजगी बढ़ रही है। विधिवत अनुमति के बिना मीटर लगाना और शुल्क वसूलना उपभोक्ताओं के लिए गंभीर समस्या बन गया है।
विद्युत उपभोक्ता परिषद की यह मांग स्पष्ट संदेश देती है कि सरकार को पावर कारपोरेशन पर कार्रवाई करनी होगी। यदि उचित कदम नहीं उठाए गए, तो उपभोक्ताओं का भरोसा और भी कमजोर हो सकता है।
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हमारी यूपी सरकार से अपील है कि पावर कारपोरेशन की जांच सीबीआई से कराई जाए। नियमों का पालन और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है।