

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में दोबारा सक्रिय भूमिका निभा रहे आकाश आनंद को लेकर पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक नई सियासी रणनीति तैयार की है।
बिहार से शुरू होगी आकाश आनंद की 'सियासी परीक्षा'
Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में दोबारा सक्रिय भूमिका निभा रहे आकाश आनंद को लेकर पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक नई सियासी रणनीति तैयार की है। दिलचस्प बात यह है कि आकाश की 'ट्रेनिंग' और 'अग्निपरीक्षा' की शुरुआत उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश से नहीं, बल्कि बिहार से की जा रही है। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव ही आकाश आनंद की नेतृत्व क्षमता की पहली बड़ी परीक्षा साबित होगी, जिसका परिणाम उनके यूपी में राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मायावती चाहती हैं कि आकाश आनंद पहले बिहार में खुद को एक परिपक्व और प्रभावी नेता के तौर पर स्थापित करें। उन्हें बिहार चुनाव में न केवल दलित समुदाय को जोड़ने बल्कि अन्य वर्गों में भी भाईचारे और समर्थन के भाव को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसका उद्देश्य बिहार में बसपा के जनाधार को विस्तार देना है, साथ ही आकाश की नेतृत्व क्षमता को भी परखना है।
इस रणनीति के तहत मायावती ने आकाश आनंद की हर राजनीतिक गतिविधि और प्रचार शैली पर नजर रखने की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम को दी है। बिहार में आकाश के भाषण, जनसंपर्क और जमीनी पकड़ का आंकलन किया जाएगा। यदि वे उम्मीदों पर खरे उतरते हैं, तो यूपी पंचायत चुनाव से पहले उनका जोरदार 'रिलॉन्च' होगा।
इसके बाद विधानसभा चुनाव 2027 में भी आकाश को बड़ी भूमिका दी जा सकती है। खुद आकाश आनंद भी इस मौके को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। हाल ही में बिहार में एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने अपनी आक्रामक शैली में राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला, जो इस बात का संकेत है कि वे खुद को मायावती की कसौटी पर खरा साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या आकाश आनंद बिहार की सियासत में अपनी छाप छोड़ पाएंगे और क्या इससे उन्हें यूपी में नई राजनीतिक उड़ान मिलेगी। साफ है कि मायावती ने आकाश की सियासी यात्रा को नया मोड़ देने की ठान ली है—बस परीक्षा की घड़ी शुरू हो चुकी है।