

2026 में होने वाले उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पंचायत चुनाव को लेकर सियासी हलचल
लखनऊ: 2026 में होने वाले उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा, सपा और कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर दिया है। पार्टी न केवल पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर रही है, बल्कि राज्य की राजनीति में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में जुट गई है। पार्टी की योजना है कि वह दिल्ली के विकास मॉडल के सहारे ग्रामीण इलाकों में अपनी जड़ें मजबूत करे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने प्रदेश को 8 जोन में बांटते हुए कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। इन बैठकों का मकसद पंचायत चुनाव की रणनीति तय करना है। खास बात यह है कि पार्टी ने वाराणसी को केंद्र बिंदु बनाया है, जिससे पूर्वांचल के जरिए पूरे राज्य में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
20 जून को आम आदमी पार्टी के फायरब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह वाराणसी दौरे पर आ रहे हैं। वह यहां कार्यकर्ताओं के साथ अहम बैठक करेंगे, जिसमें पंचायत चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो केवल संजय सिंह ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी के अन्य सीनियर नेता भी प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश का रुख कर सकते हैं।
AAP ने पंचायत चुनाव के लिए दिल्ली मॉडल को आधार बनाने की योजना बनाई है। पार्टी सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन जैसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि ये मुद्दे ग्रामीण मतदाताओं के बीच गहरी पैठ बना सकते हैं। पार्टी टिकट वितरण में साफ-सुथरी छवि और मेहनती कार्यकर्ताओं को तरजीह देगी। इसके अलावा डोर-टू-डोर कैंपेन और जनसंपर्क अभियानों के जरिए AAP आम लोगों तक सीधा जुड़ाव कायम करने की कोशिश में है।
वाराणसी और पूर्वांचल में पार्टी की सक्रियता यह संकेत दे रही है कि आम आदमी पार्टी यहां लंबी रेस की रणनीति पर काम कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या संजय सिंह की अगुवाई में पार्टी उत्तर प्रदेश की पंचायत राजनीति में कोई नया समीकरण गढ़ पाती है या नहीं।