

यूपी में लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना और गंगा नदियां उफान पर हैं। इससे कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
यूपी में बाढ़ का खतरा (Img: Internet)
Lucknow: पिछले दो दिनों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर आसमान से आफत बरस रही है। मूसलधार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने यमुना को उफान पर ला दिया है। शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, हापुड़ और बुलंदशहर जैसे जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। यमुना और गंगा दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, जिससे हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं और दर्जनों गांव पानी की चपेट में हैं।
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। लेकिन हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जिसकी वजह से स्कूल बंद, रास्ते जलमग्न और किसान बेबस हो गए हैं, क्योंकि उनकी फसल खराब हो रही है। पश्चिमी यूपी इस वक्त एक बड़ी प्राकृतिक आपदा की चपेट में है।
बिजनौर में मंगलवार को 47.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। नगीना और स्योहारा में दो मकान गिर गए, जिनमें काफी सामान नष्ट हुआ। गंगा बैराज में जलस्तर इतने बढ़ गए हैं कि यहां 1,71,873 क्यूसेक पानी का प्रवाह दर्ज किया गया। लगातार बारिश और गंगा का उफान जलीलपुर के खादर क्षेत्र रायपुर खादर, मीरापुर सीकरी और जलालपुर में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर चुका है।
यमुना नदी में खतरे के निशान से ऊपर (Img: Internet)
सहारनपुर में बारिश ने 100 से ज्यादा गांवों को प्रभावित किया। खेतों में खड़ी फसलें डूब गईं, और प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर सतर्क रहने की अपील की है। दोपहर में हुई बारिश ने दो ग्रामीणों के मकान गिरा दिए, जिससे एक महिला घायल हो गई। बुलंदशहर में दिन-ब-दिन स्थिति गंभीर होती जा रही है, कई इलाकों में दो से तीन फीट पानी जमा हो गया है, जिससे लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। गंगा का जलस्तर भी मूसलाधार बारिश की वजह से खतरनाक ऊँचाइयों पर पहुंच चुका है।
हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया 3.29 लाख क्यूसेक पानी मंगलवार सुबह बागपत तक पहुंचा, जिससे यमुना नदी उफान पर है। पचैरा गेज ने यमुना का जलस्तर 211.55 मीटर दर्ज किया, जो खतरे के निशान से 2.55 मीटर अधिक है। पानी भरने से 1400 से अधिक किसानों की लगभग 20,000 बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
मुजफ्फरनगर के बरला में एक कच्चा मकान गिर गया, जिससे हजारों रुपये का नुकसान हुआ। पुरकाजी क्षेत्र में हजारों बीघा फसलें पानी में डूब चुकी हैं। पूरे शहर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे जलभराव आम बात हो गया है।
रात तक हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी शामली जिले में पहुंच चुका था। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 231.90 मीटर तक पहुंच चुका है, जो 0.40 मीटर उफान का संकेत देता है। कैराना और ऊन तहसील के 31 गांव पानी की चपेट में आ चुके हैं। मंगलवार को रिकॉर्ड बारिश के कारण 12वीं तक की सभी स्कूल बंद कर दिए गए। हापुड़ के गढ़ क्षेत्र में गंगा का उफान और फसलों की तबाही से किसान चिंतित हैं।