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लखनऊ कफ सिरप तस्करी केस के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल ने ED समन पर बीमारी का हवाला देकर हाजिरी से इंकार किया, जबकि यूपी पुलिस ने उसके विदेश में छिपे होने की पुष्टि की है। प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मामला लगातार गंभीर मोड़ ले रहा है।
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
Lucknow: यूपी के लखनऊ में कोडीन आधारित कफ सिरप की तस्करी से जुड़े बड़े नेटवर्क की जांच लगातार गंभीर मोड़ ले रही है। मनी लांड्रिंग की पड़ताल कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले के मास्टरमाइंड माने जा रहे शुभम जायसवाल को पहली बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। उसकी ओर से पेश हुए वकील ने बीमारी का हवाला देकर कुछ दिनों की मोहलत मांगी। ED ने यह दलील खारिज करते हुए 12 दिसंबर को दोबारा हाजिरी का आदेश जारी कर दिया।
यूपी पुलिस ने पुष्टि की है कि शुभम जायसवाल देश में मौजूद नहीं है। डीजीपी राजीव ने बताया कि उसका लोकेशन ट्रैक कर लिया गया है और विदेश से लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का सहयोग मिलना सामान्य प्रक्रिया है, इसलिए प्रत्यर्पण में देरी की संभावना कम है।
जांच एजेंसियों का दावा है कि शुभम जायसवाल ने कई राज्यों में फैला एक बड़ा अवैध नेटवर्क खड़ा कर रखा था। फेंसिडिल जैसे कोडीन युक्त सिरप को नशे के तौर पर बेचा जाता था, जिसके कारण इसकी अवैध मार्केट में भारी मांग थी।
अधिकारियों के अनुसार, इस नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई और विस्तृत धन शोधन (मनी लांड्रिंग) के प्रमाण मिले हैं। इस रैकेट में फर्जी फर्में, बोगस बिलिंग, सप्लायर, परिवहनकर्ता और कई मेडिकल एजेंसियां शामिल थीं।
हाल ही में शुभम जायसवाल का 13 मिनट का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा कि:
उसने कोई जहरीली सिरप नहीं बेची
उसकी सप्लाई से किसी की मौत नहीं हुई
फेंसिडिल प्रतिबंधित दवा नहीं है
उसे राजनीतिक कारणों से फंसाया जा रहा है
शुभम ने यह भी कहा कि नेताओं के साथ वायरल हुई उसकी तस्वीरें झूठी हैं और उसका किसी भी राजनीतिक समूह से कोई संबंध नहीं है।
वीडियो में शुभम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निष्पक्ष जांच की मांग की। हालांकि ईडी और यूपी पुलिस दोनों का दावा है कि उनके पास मजबूत दस्तावेज और वित्तीय लेनदेन के ठोस प्रमाण मौजूद हैं।
अगर शुभम 12 दिसंबर को भी उपस्थित नहीं होता, तो ED उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई कर सकती है। वहीं प्रत्यर्पण प्रक्रिया भी तेज गति से आगे बढ़ रही है।
कफ सिरप की अवैध खेप का पर्दाफाश, आरोपी 14 दिन पुलिस हिरासत में; जांच में हो सकते हैं बड़े खुलासे
इधर सोशल मीडिया पर कफ सिरप मामले को लेकर फैलाए गए भ्रामक पोस्ट विवाद का कारण बन गए हैं। हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व पदाधिकारी अमरीश सिंह भोला को मामले से जोड़ने पर वाराणसी में पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि बिना प्रमाण के झूठे आरोप फैलाकर किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
कफ सिरप तस्करी, मनी लांड्रिंग और सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार तीनों मोर्चों पर जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क की परतें और खुलेंगी और कई नए नाम सामने आ सकते हैं।