

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोकभवन में आयोजित उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में राज्य हित से जुड़े कुल 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में शिक्षा, रोजगार, अवसंरचना, शहरी विकास और न्यायिक सेवाओं से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए, जो प्रदेश के समग्र विकास को नई दिशा देने वाले माने जा रहे हैं।
यूपी कैबिनेट की बड़ी बैठक
Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोकभवन में आयोजित उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में राज्य हित से जुड़े कुल 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में शिक्षा, रोजगार, अवसंरचना, शहरी विकास और न्यायिक सेवाओं से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए, जो प्रदेश के समग्र विकास को नई दिशा देने वाले माने जा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बैठक का एक प्रमुख फैसला जेपीएन इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (JPNIC) के संचालन से जुड़ा रहा। अब इस कन्वेंशन सेंटर की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंप दी गई है। माना जा रहा है कि इस निर्णय से जेपीएनआईसी के संचालन और रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार होगा और इसे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के लिए और अधिक सक्रिय बनाया जा सकेगा।
राज्य के सड़क नेटवर्क को और अधिक बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है। यह परियोजना न केवल यातायात सुगमता बढ़ाएगी, बल्कि औद्योगिक और पर्यटन गतिविधियों को भी गति देगी।
उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में रोजगार के नए अवसर सृजित करना और युवाओं को कौशल के अनुसार उचित स्थान प्रदान करना है। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति – 2022 के अंतर्गत उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति की पिछली बैठकों में की गई सिफारिशों को भी अनुमोदन प्रदान किया गया है। बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी एरिया रेगुलेशन 2025 को मंजूरी देकर बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास की संभावनाओं को मजबूती दी गई है।
उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशंस - 2025 को लागू करने की स्वीकृति दी गई, जिससे शहरों की नियोजित और व्यवस्थित विकास प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी।
मोदीनगर, गाजियाबाद में निजी क्षेत्र के तहत डॉ. के.एन. मोदी विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी गई है, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार होगा। उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली 1975 में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी। ग्राम विकास अधिकारी सेवा नियमावली 2025 और पशुपालन विभाग वेटनरी फार्मासिस्ट सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी देकर इन विभागों में कार्य संरचना को आधुनिक और स्पष्ट बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है, जिससे अनुभवी कार्मिकों की सेवाओं का लाभ और अधिक समय तक लिया जा सकेगा।
राज्य सरकार की समेकित वित्तीय प्रणाली (IFMS) के उन्नयन के लिए C-DAC (Center for Development of Advanced Computing) को नामांकन के आधार पर अनुबंधित किए जाने की भी स्वीकृति दी गई है। यह कदम प्रदेश में डिजिटल लेन-देन और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।