बलिया में दो दशक पुराने 67 लाख के घोटाले का खुलासा, पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

बलिया जिले में 2002–2005 के बीच ‘संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना’ के तहत हुए 67.13 लाख रुपये के घोटाले में पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा को ईओडब्ल्यू वाराणसी ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मस्टर रोल में फर्जी नाम जोड़कर खाद्यान्न और नकदी का गबन किया था। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट वाराणसी में पेश किया गया।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 20 July 2025, 7:57 AM IST
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Ballia: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से दो दशक पुराने एक बड़े घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) वाराणसी की टीम ने शनिवार को पंदह ब्लॉक के तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा को खाद्यान्न घोटाले और सरकारी धन के गबन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2002 से 2005 के बीच संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत पंदह ब्लॉक के विभिन्न गांवों में कई विकास कार्यों की योजनाएं चलाई गई थीं। इन योजनाओं में मुख्य रूप से मिट्टी कार्य, नाली निर्माण, खड़ंजा बिछाना, सड़क की मरम्मत और पुलिया निर्माण जैसे कार्य शामिल थे।

फर्जीवाड़ा में शामिल है ये बड़े लोग
लेकिन जांच के दौरान यह सामने आया कि ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधानों और कोटेदारों की मिलीभगत से भारी फर्जीवाड़ा किया गया। मस्टर रोल पर फर्जी श्रमिकों के नाम दर्ज करके 34.70 लाख रुपये की नकद राशि और 32.43 लाख रुपये के खाद्यान्न का गबन किया गया। इस प्रकार कुल मिलाकर लगभग 67.13 लाख रुपये के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।

12 लोगों की गिरफ्तारी
घोटाले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने साक्ष्य के आधार पर कुल 12 लोगों की संलिप्तता पाई थी, जिनमें मुख्य आरोपी राजेंद्र प्रसाद वर्मा भी शामिल थे। उन्हें शनिवार को उनके पंदह स्थित आवास के पास से गिरफ्तार किया गया।

राजेंद्र प्रसाद वर्मा पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोप दर्ज हैं। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत वाराणसी स्थित विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।

अन्य आरोपियों की तलाश जारी
गिरफ्तारी करने वाली टीम में ईओडब्ल्यू वाराणसी के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा, निरीक्षक अरविंद कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि अन्य आरोपियों की तलाश और जांच जारी है, और जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह गिरफ्तारी एक लंबे समय से दबे इस घोटाले के पुनरुद्धार की ओर संकेत करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक अपराधों में लिप्त अधिकारी कानून से बच नहीं सकते।

गिरफ्तारी की प्रक्रिया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजेंद्र प्रसाद वर्मा को शनिवार को पंदह स्थित उनके आवास के पास गिरफ्तार किया गया था। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट, वाराणसी में पेश करके जेल भेजा गया। गिरफ्तारी में शामिल प्रमुख अधिकारी: ईओडब्ल्यू वाराणसी के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा, अरविंद कुमार सहित कई अन्य पुलिसकर्मी थे।

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