

रक्षाबंधन के दिन उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब चलती बाइक पर परिवार के ऊपर अचानक एक विशाल पेड़ गिर पड़ा। हादसे में पिता और बेटे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मां और दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए गहरे दुख का कारण बन गया।
देवरिया में हादसे का शिकार हुए पिता-पुत्र (Img-Internet)
Deoria News: रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व जो भाई-बहन के प्यार और सुरक्षा के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। लेकिन देवरिया के एक परिवार के लिए इस साल का रक्षाबंधन कभी ना भूल पाने वाला दर्द बन गया। जब एक तरफ बहनों की कलाई पर राखी बांधने जानें की तैयारी हो रही थी, उसी वक्त एक हंसता-खेलता परिवार अचानक एक भयानक हादसे का शिकार हो गया।
दरअसल, लार थाना क्षेत्र के रामजानकी मार्ग पर गयागीर वार्ड के सामने चलती बाइक पर अचानक सड़क किनारे खड़े एक विशालकाय पेड़ का गिरना एक दुखद हादसे का कारण बना। इसमें संतोष (36) और उनका 6 वर्षीय बेटा शिवा मौके पर ही अपनी जान गंवा बैठे। उनकी पत्नी ममता देवी (32) और बेटियां शिवानी (13) व सोनाली (8) गंभीर रूप से घायल हो गईं।
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों की मदद से ममता और उनकी बेटियों को महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने संतोष और शिवा को मृत घोषित कर दिया। ममता की हालत गंभीर बनी हुई है। रामजानकी मार्ग पर हुई इस दुर्घटना ने पूरे इलाके को गहरे सदमे में ला दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के अनुसार, संतोष परिवार स्नान और राखी बंधवाने जा रहे थे, तभी अचानक विशाल पेड़ उनकी बाइक पर गिर पड़ा। स्थानीय लोगों के सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंची। जिसके बाद जेसीबी व कटर मशीन की मदद से पेड़ हटाया और शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए। इस हादसे से कई ग्रामीणों ने कहा कि रास्ते पर लगे पुराने पेड़ जानलेवा हो सकते हैं, जिन्हें हटाने की तत्काल आवश्यकता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मार्ग किनारे खड़े जर्जर और कमजोर पेड़ों को हटाया जाए ताकि भविष्य में कोई और परिवार इसी तरह के हादसे से बच सके। उनका कहना है कि बारिश, हवा या नियमित समय-समय पर देखरेख न होने की वजह से इन पेड़ों के गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है।
रक्षाबंधन का दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस बार यह एक परिवार के लिए त्रासदी में बदल गया। जहां एक तरफ बहनें राखी की तैयारी में व्यस्त थीं, वहीं संतोष के घर मातम पसरा। यह हादसा हमें सिखाता है कि सुरक्षित प्रतीत होने वाले परिवेश में छोटी-सी लापरवाही भारी परिणाम दे सकती है। हमें चाहिए कि उन सूक्ष्म खतरों को पहचानकर उन्हें तुरंत दूर करें और उन्हीं रिश्तों में बची खुशियों की रक्षा करें।