छुट्टियों में तत्काल टिकट के लिये मारामारी, रायबरेली आरपीएफ पर लगे ये आरोप

रायबरेली रेलवे स्टेशन पर इस समय तत्काल टिकट के लिए काफी मारामारी चल रही है। इस दौरान आरपीएफ पर लोगों ने आरोप भी लगाया है। क्या आरोप, जानने के लिए डाइनामाइट न्यूज़ की यह खबर

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 17 June 2025, 12:26 PM IST
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रायबरेली: गर्मी की छुट्टियों में हर कोई अपनो के पास जाना चाहता है। कोई दूर दराज अपने रिश्तेदार का यहां जाना चाहता है तो कोई परिवार के साथ कहीं घूमने जाना चाहता है। तो किसी को कही जाने की इमरजेंसी है। लेकिन इसके लिये उसे रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर खड़े रहकर टिकट के लिये संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में रायबरेली रेलवे स्टेशन पर तात्काल टिकट व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार टिकट के लिये स्टेशन पर आए यात्रियों का आरोप है कि रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के कुछ कर्मी अपने परिचितों के लिए तत्काल टिकट बुक कराने में विशेष सहायता कर रहे हैं, जिससे आम जनता को टिकट मिलने में भारी कठिनाई हो रही है।

स्टेशन पर उपलब्ध है तीन आरक्षण खिड़कियां
सबसे गंभीर बात यह है कि रायबरेली स्टेशन पर कुल तीन आरक्षण खिड़कियां उपलब्ध है, जिसके चलते तत्काल टिकट बुकिंग केवल एक ही खिड़की से की जा रही है। इससे न केवल भीड़ बढ़ती है, बल्कि बुजुर्ग यात्रियों और महिलाओं को लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता है। खासकर 70 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

स्थानीय यात्रियों ने बताई स्टेशन की समस्या
स्थानीय यात्रियों ने बताया कि जब वे सुबह-सुबह लाइन में लगते हैं, तो पहले से ही कुछ खास लोग सीधे खिड़की पर पहुंच जाते हैं और उनके टिकट तुरंत बन जाते हैं। कई बार देखने में आया है कि यह काम RPF के संरक्षण में हो रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सिस्टम को कुछ लोग मिलकर गलत तरीके से संचालित कर रहे हैं।

यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से की मांग
यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि सभी उपलब्ध आरक्षण खिड़कियों को तात्काल टिकट बुकिंग के लिए खोला जाए। बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए अलग कतार की व्यवस्था हो। RPF कर्मियों की निष्पक्षता की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। CCTV फुटेज की निगरानी की जाए और बायोमेट्रिक सिस्टम को सख्ती से लागू किया जाए।

इस पूरे मामले पर रेलवे प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जनता उम्मीद कर रही है कि रेल मंत्रालय इस मामले का संज्ञान लेगा और उचित कदम उठाएगा। रायबरेली जैसे महत्वपूर्ण जिले में ऐसी अनियमितताएं सवाल खड़े करती हैं कि आम आदमी के लिए "तात्काल" सुविधा आखिर कितनी तात्कालिक है?

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