प्रयागराज में कम हुआ गंगा-यमुना का जलस्तर, नगर निगम ने शुरू की सफाई

प्रयागराज की अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनीता सिंह ने जानकारी दिया है कि आज दोपहर 12 बजे जिले में यमुना नदी का जलस्तर नैनी में 82.77 मीटर, जबकि गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.16 मीटर, छतनाग में 81.84 मीटर और बक्शी बांध पर यह 82.50 मीटर तक पहुंच गया है। जलस्तर में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने के बाद खतरे के निशान के नीचे आ गया हैै।

Prayagraj: प्रयागराज जिले में गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर से नीचे पहुंच गया है। वहीं दूसरे तरफ इसका जलस्तर लगातार घटने की वजह से प्रयागराज नगर निगम पूरी तरह से सफाई में लगा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने के बाद खतरे के निशान के नीचे आ गया हैै। केंद्र जल आयोग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को गंगा का जलस्तर 71.58 मीटर तक पहुंच गया था जो शुक्रवार को 70.60 मीटर पर बना हुआ है।

प्रयागराज की अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनीता सिंह ने जानकारी दिया है कि आज दोपहर 12 बजे जिले में यमुना नदी का जलस्तर नैनी में 82.77 मीटर, जबकि गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.16 मीटर, छतनाग में 81.84 मीटर और बक्शी बांध पर यह 82.50 मीटर तक पहुंच गया है। जलस्तर में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है।

प्रयागराज नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों से बाढ़ का पानी हटने के साथ नगर निगम के कर्मचारी साफ सफाई कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लगभग 3000 लोग काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रभावित क्षेत्रों में देखा जाए तो 600 कर्मचारी लगाए जा चुके हैं।

यादव ने कहा कि जिन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकलना शुरू हो गया है। वहीं दूसरी तरफ वाटर प्रेशर मशीन भी लगाई जा रही है। पानी कम होने के साथ ही क्षेत्र में सफाई की जा रही है। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव हो रहा है जहां पर कोई भी कर्मचारी नहीं जा पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कृषि विभाग वाले दो ड्रोन की मदद छिड़काव होना शुरू हो गया है।

शहर में जहां भी बाढ़ के पानी में कमी हो रही है, वहां नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा सफाई कराकर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव जारी है। जिलाधिकारी सेतेंद्र कुमार ने आगे कहा है कि गंगा का जलस्तर बुधवार से कम होने लग गया है। गंगा नदी की बात करें तो अस्सी और वरुणा वाले कुल 28 वार्ड पूरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। वहीं इस दौरान कुल 24 बाढ़ राहत शिविर को तैयार किया गया है। इसमें कुल 4500 बाढ़ प्रभावित लोगों ने रहना शुरू किया है। वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें लगातार कार्य में पूरी तरह से सर्तक हैं।

Location : 
  • Prayagraj

Published : 
  • 9 August 2025, 1:57 PM IST