

जिला एंव सत्र न्यायालय ने एक छह साल पुराने मामले में दोषी को सजा सुनाई है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें पूरी खबर
जिला एंव सत्र न्यायालय, जालौन
जालौन: यूपी के जालौन जिले में छह साल पुराने हत्या के प्रयास के एक मामले में अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अचल सचदेव की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सात साल का सश्रम कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। यह फैसला शुक्रवार को सुनाया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला 12 अगस्त 2019 का है। जब अकबरपुर इटौरा निवासी भूप सिंह के पिता सन्तराम कुशवाहा पर गांव के ही रामशंकर पुत्र खूबे उर्फ खूबचंद्र कुशवाहा ने पुरानी रंजिश के चलते कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया था। इस हमले में सन्तराम गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
धारा 307 में दर्ज हुआ था मुकदमा
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही थाना आटा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ तत्काल धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर 22 नवंबर 2019 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
सरकारी वकील की पैरवी बनी सजा की वजह
बता दें कि इस केस की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने की। उन्होंने न्यायालय में साक्ष्यों और गवाहों को मजबूती से प्रस्तुत किया, जिससे अदालत को यह विश्वास हो गया कि आरोपी रामशंकर ने जान से मारने की नीयत से हमला किया था। जिसके बाद, साक्ष्य और गवाहों की पुष्टि के बाद रामशंकर को दोषी करार दिया गया।
गौरतलब है कि अदालत ने आरोपी को 7 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ 50,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न अदा करने की स्थिति में अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी, जिसकी अवधि अदालत द्वारा तय की जाएगी। यह फैसला न सिर्फ पीड़ित परिवार के लिए राहत लेकर आया है।
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न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम
यह फैसला उन मामलों में से एक है, जिसमें समय रहते न्याय मिल पाया है। अक्सर देखा जाता है कि पुराने मामलों में साक्ष्य कमजोर हो जाते हैं, लेकिन इस मामले में पुलिस की समय पर कार्रवाई और सरकारी वकील की प्रभावी पैरवी ने न्याय सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई।