

यूपी के सोनभद्र जनपद में सरकार ने कुछ साल पहले सौर ऊर्जा के तहत सोलर लाइट्स वितरित की थीं, लेकिन चोपन विकासखंड की ग्राम पंचायत जुगैल के गर्दा टोला में आज तक बिजली के खंभे तक नहीं पहुंचे हैं।
Sonbhadra: देश विकास की बात कर रहा है, स्मार्ट सिटीज और डिजिटल इंडिया का सपना बुना जा रहा है, लेकिन सोनभद्र जिले के चोपन विकासखंड की ग्राम पंचायत जुगैल के गर्दा टोला में आज भी बिजली के खंभे तक नहीं पहुंचे हैं। गांव के लोग 21वीं सदी में भी दीये और ढिबरी की रौशनी में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।
ग्रामीण शिवनाथ बताते हैं, हमारे जन्म से पहले भी बिजली नहीं थी और आज भी नहीं है। सरकारों ने कई बार वादे किए, मीटर तक लगवा दिए बिना तार और बिजली के। बाद में कंपनी वाले खुद ही मीटर वापस ले गए। एकाध मीटर जो रह गए, लोगों ने गुस्से में उखाड़कर फेंक दिए। अब हाल यह है कि हम न बिजली जानते हैं, न मोबाइल। ओबरा की तापीय परियोजना जहां से आधे उत्तर प्रदेश को बिजली मिलती है, वो भी महज 40 किलोमीटर दूर है। बावजूद इसके, गर्दा टोला अंधकार में है।
गर्दा टोला की हालत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास के दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। जब देश के बड़े हिस्से में बिजली 24 घंटे की बात होती है, तो आखिर इस टोले के हिस्से में सिर्फ अंधेरा क्यों है?