

निचलौल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के औचक निरीक्षण में सीएमओ डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। अनुपस्थित मिले डॉक्टर व स्टाफ पर कार्रवाई करते हुए वेतन रोका गया, वहीं गंदगी व अव्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जताई गई। सीएमओ ने साफ कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। जानिए डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी ख़बर
निचलौल सीएचसी की लापरवाही
Maharajganj: मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने रविवार 17 अगस्त 2025 को अपराह्न 1:20 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचलौल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं संचालित थीं। निरीक्षण में तीन सिजेरियन मरीज भर्ती पाए गए, इमरजेंसी में 22 मरीजों का उपचार किया गया था, वहीं 13 सिजेरियन प्रसव और 8 लैब जांच भी संपन्न हुई थीं।
हालांकि, निरीक्षण में कई खामियां सामने आईं। एमओआईसी डॉ. उमेश चंद, स्टाफ नर्स आनंद यादव और गीता देवी अनुपस्थित पाए गए, जिनका एक दिन का वेतन बाधित कर दिया गया। एसएनसीयू में गंदगी और एक भी बच्चा भर्ती न मिलने पर सीएमओ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एमओआईसी से स्पष्टीकरण मांगा।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार स्पताल की गंदगी को देखते हुए सफाईकर्मी रामाद्या प्रसाद का एक माह का वेतन रोका गया और चेतावनी दी गई। वहीं, वार्ड में दवाएं जमीन पर रखी मिलने पर फार्मासिस्ट सिराजुल को चेतावनी पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया।
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सीएमओ ने लैब टेक्नीशियन व एक्स-रे टेक्नीशियन का ड्यूटी रोस्टर के अनुसार पालन कराने और बाहर से कराई जाने वाली पैथोलॉजी जांच व एक्स-रे पर रोक लगाने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि किसी चिकित्सक द्वारा बाहर से जांच कराई जाती है तो संबंधित चिकित्सक व व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
उन्होंने एमओआईसी को निर्देशित किया कि अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त की जाए, संदिग्ध व्यक्तियों का प्रवेश रोका जाए और सभी चिकित्सक व स्टाफ समय से ड्यूटी पर मौजूद रहें। सीएमओ ने स्पष्ट चेतावनी दी कि स्वास्थ्य सेवाओं में शिथिलता बरतने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।