Maharajganj: जिला उपभोक्ता फोरम में तैनात चपरासी की मिली लाश, विभाग में मचा हड़कंप

महराजगंज उपभोक्ता आयोग कार्यालय में चपरासी राणा सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से हड़कंप मचा है, पुलिस जांच में जुटी है, कारण अब तक अज्ञात।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 15 July 2025, 12:19 PM IST
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Maharajganj: जिला उपभोक्ता आयोग कार्यालय महराजगंज में मंगलवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जहां कार्यरत चपरासी राणा सिंह ने कार्यालय परिसर के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मृतक राणा सिंह (उम्र 55 वर्ष), पुत्र सुरेंद्र नारायण सिंह, मूल रूप से बिहार राज्य के सहरसा जिले के झकझरी गांव के निवासी थे। इनके कुल चार बच्चे है तीन लड़की और एक लड़का।

कर्मचारी ने दी कोतवाली पुलिस को सूचना
वे लंबे समय से जिला उपभोक्ता आयोग, महराजगंज में चपरासी के पद पर कार्यरत थे और नियमित रूप से कार्यालय आते थे। मंगलवार की सुबह करीब 10:10 बजे एक कर्मचारी ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि आयोग भवन के एक कमरे में राणा सिंह ने पंखे से रस्सी के सहारे फांसी लगा ली है।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक, कलेक्ट्रेट चौकी प्रभारी और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने मृतक के शव को कमरे से बाहर निकलवाया और पूरे घटनास्थल की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराई। इसके बाद शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।

गहराई से जांच कर रही है पुलिस
फिलहाल आत्महत्या के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। न तो कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ है और न ही अभी तक किसी कर्मचारी ने कोई ठोस जानकारी दी है कि मृतक मानसिक तनाव में था। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और कार्यालय में कार्यरत अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।

कार्यालय में सन्नाटा पसरा
इस घटना के बाद जिला उपभोक्ता फोरम कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। सभी अधिकारी और कर्मचारी इस अप्रत्याशित घटना से स्तब्ध हैं। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है और उनसे संपर्क कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

मामले पर पुलिस का बयान
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही आत्महत्या के पीछे का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा। इस घटना ने सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की मानसिक स्थिति और कार्यदबाव को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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