

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बिजली कटौती ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर से सटे इस जिले में बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है। गर्मी, मच्छर और बीमारियों से परेशान जनता अधिकारियों की लापरवाही से गुस्से में है। सरकार के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे अब खोखले नजर आ रहे हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-गूगल)
Deoria: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बिजली कटौती ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर से सटे इस जिले में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और स्थानीय लोग गर्मी, मच्छरों और बीमारियों के साये में जीने को मजबूर हैं। सरकार के 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के दावे अब खोखले साबित हो रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली देने का वादा हवा-हवाई नजर आ रहा है।
रातों की नींद और दिन का चैन खोया
दरअसल, देवरिया शहर के विभिन्न वार्डों में बिजली कटौती का आलम यह है कि लोग रातों की नींद और दिन का चैन खो चुके हैं। खासकर वार्ड नंबर 1, रघवापुर कसया रोड पर रात 9 बजे से आधा गांव अंधेरे में डूबा हुआ है। ग्रामीणों ने स्थानीय बिजली कर्मचारी संजय को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब जूनियर इंजीनियर (जेई) से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा।
गर्मी में पानी की किल्लत
इस प्रचंड गर्मी में बिजली की कमी ने पानी और हवा की किल्लत को और बढ़ा दिया है। नतीजतन, बच्चे, बुजुर्ग और आम लोग परेशान हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने शहर के विभिन्न वार्डों का जायजा लिया तो पता चला कि बिजली कटौती के साथ-साथ मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। मलेरिया, डेंगू और हैजा जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि समय पर छिड़काव जैसी रोकथाम की व्यवस्था भी नहीं की गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस गर्मी में बिजली और पानी की कमी ने उनका जीना दूभर कर दिया है।
जनता ने उठाई मांग
देवरिया में बिजली विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता ने जनता के सब्र का बांध तोड़ दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब मुख्यमंत्री के गृह जनपद के पास वाले जिले में यह हाल है, तो बाकी प्रदेश का क्या होगा? योगी सरकार के दावों और हकीकत में जमीन-आसमान का अंतर साफ दिख रहा है। जनता अब मांग कर रही है कि बिजली व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो, ताकि इस त्राहिमाम से निजात मिल सके।