टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का हल्लाबोल; रायबरेली में किया धरना-प्रदर्शन

बड़ी संख्या में शिक्षक टीईटी को अनिवार्य किए जाने के आदेश के खिलाफ धरना-प्रदर्शन पर उतरे। शिक्षकों ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से भूतलक्षी प्रभाव डालता है और वर्षों से सेवाएं दे रहे शिक्षकों की गरिमा पर सवाल खड़ा करता है।

Raebareli: रायबरेली में गुरुवार को बड़ी संख्या में शिक्षक टीईटी को अनिवार्य किए जाने के आदेश के खिलाफ धरना-प्रदर्शन पर उतरे। शिक्षकों ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से भूतलक्षी प्रभाव डालता है और वर्षों से सेवाएं दे रहे शिक्षकों की गरिमा पर सवाल खड़ा करता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि 20–30 वर्षों से कक्षा में बच्चों को पढ़ा रहे अनुभवी शिक्षकों को अचानक परीक्षा में बाँधना न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि उनकी सेवा भावना का भी अपमान है। धरना स्थल पर शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से मांग की कि 2011 से पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता से मुक्त किया जाए। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश ने प्रदेशभर के शिक्षकों में बड़ी चिंता पैदा कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों की नौकरी में पांच साल से अधिक सेवा शेष है, उनके लिए टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा।

अगर ऐसा नहीं किया गया तो उन्हें या तो इस्तीफा देना होगा या फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कंपल्सरी रिटायरमेंट) लेनी पड़ेगी। अब शिक्षकों के मन में सवाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अगर परिक्षा पास नहीं कर पाए तो क्या होगा।

Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 11 September 2025, 6:04 PM IST