

गोरखपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर के निर्देश पर यातायात पुलिस ने सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन के लिए व्यापक चेकिंग अभियान चलाया। 1057 वाहनों को नियम उल्लंघन पर चालान किया गया।
यातायात पुलिस ने चलाया सख्त अभियान
Gorakhpur: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) गोरखपुर राजकरन नय्यर के निर्देशानुसार और पुलिस अधीक्षक यातायात के नेतृत्व में जनपद में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस द्वारा एक व्यापक सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। यह अभियान मुख्य रूप से शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने और सड़क हादसों को रोकने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार, इस अभियान के दौरान शहर क्षेत्र में बिना जोन स्टीकर वाले ई-रिक्शा, बिना रजिस्ट्रेशन, बिना ड्राइविंग लाइसेंस और बिना परमिट के चलने वाले चार पहिया और ऑटो चालकों के साथ-साथ नियमों का उल्लंघन करने वाले दोपहिया वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। अभियान के दौरान 108 वाहनों को मौके पर ही मोटर वाहन अधिनियम (एम.वी. एक्ट) के तहत चालान किया गया।
स्पीड राडार गन का किया इस्तेमाल
इसके अलावा, जनपद के मुख्य मार्गों जैसे लिंक एक्सप्रेस-वे पर तेज गति से चलने वाले वाहनों की निगरानी के लिए स्पीड राडार गन का इस्तेमाल किया गया। यातायात पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर वाहन चालक आगामी तीन दिनों के भीतर अपनी गति नियंत्रित नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ तेज रफ्तार में वाहन चलाने के चलते चालान की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
सीट बेल्ट और हेलमेट लगाने की सलाह
अभियान के दौरान पुलिस ने आम जनता एवं वाहन चालकों को सीट बेल्ट लगाने, हेलमेट पहनने और यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक भी किया। पूरे शहर में चेकिंग के दौरान कुल 1057 वाहनों को चालान किया गया, जो विभिन्न प्रकार के यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।
इस अभियान का उद्देश्य न केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है, बल्कि गोरखपुर की यातायात व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित और सुगम बनाना भी है। एसएसपी राजकरन नय्यर ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वयं अपनी सुरक्षा और दूसरों की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करें। साथ ही वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट और सीट बेल्ट पहनना न भूलें ताकि दुर्घटनाओं में होने वाली चोटों से बचा जा सके। साथ ही उम्मीद जताई गई है कि इससे न केवल नियमों का पालन बढ़ेगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।