

बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटाकर ईको गार्डन भेज दिया। सपा ने चेताया- दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन।
छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में समाजवादी पार्टी
Barabanki: बाराबंकी के श्रीराम स्वरूप विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों पर हुए कथित बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता बुधवार को लखनऊ की सड़कों पर उतर आए। उन्होंने राजभवन के सामने प्रदर्शन कर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और छात्रों के साथ हुई घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
सपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि छात्रों पर की गई बर्बरता निंदनीय है और योगी सरकार शिक्षा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिन पर 'छात्रों पर लाठी क्यों?' और 'तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लिखे थे।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राजभवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक हटाया और हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया। प्रदर्शन के दौरान सड़क पर जाम जैसी स्थिति बन गई, जिससे कुछ समय के लिए यातायात भी प्रभावित हुआ।
बेरोज़गारी के मारे उप्र के युवा बेचारे इतने हल्के हो गये हैं कि पुलिस उन्हें गोदी में उठाकर ले जा रही है लेकिन भाजपा याद रखे युवाओं का आक्रोश बहुत भारी पड़ेगा। pic.twitter.com/9ZSxi4xS9R
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) September 3, 2025
मामला उस समय तूल पकड़ गया जब सोमवार को श्रीराम स्वरूप विश्वविद्यालय, बाराबंकी में एलएलबी की डिग्री की वैधता को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे, और पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। सोशल मीडिया पर छात्रों की पिटाई के वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जताई, जिसके बाद सीओ सिटी हर्षित चौहान को हटा दिया गया, और आरके राणा तथा गदिया चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही, पूरे मामले की जांच अयोध्या मंडल के मंडलायुक्त राजेश कुमार को सौंपी गई है, जो शाम तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
सपा प्रवक्ताओं ने कहा कि बीजेपी सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास कर रही है और छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक शैक्षणिक मुद्दा था, जिसे बातचीत से सुलझाया जा सकता था, लेकिन सरकार ने छात्रों की आवाज को पुलिस की लाठियों से दबाने का प्रयास किया।
सपा ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ेगी। इस प्रदर्शन में कई वरिष्ठ नेताओं और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही। फिलहाल ईको गार्डन में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करने की प्रक्रिया चल रही है। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग दोनों ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है।