Sonbhadra News: फर्जी छात्रों से लेकर दोहरी फीस तक, डीएवी संस्था के कॉलेज में घोटालों की भरमार

सोनभद्र के एक इंटर कॉलेज में दलित छात्र हिमांशु को टीसी मांगने पर प्रधानाचार्य ने गेट से बाहर कर दिया। स्कूल पर जातिगत भेदभाव, फर्जी छात्रों की एंट्री और शिक्षा में भारी अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।

Updated : 22 July 2025, 1:51 PM IST
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Sonbhadra: जिले के खरहरा गांव से सामने आया एक मामला शिक्षा व्यवस्था की जमीनी सच्चाई और जातिगत भेदभाव की पोल खोलता नजर आ रहा है। यहां के एक इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले दलित छात्र हिमांशु कुमार को सिर्फ इसलिए स्कूल गेट से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि उसने कक्षा 8 पास करने के बाद टीसी (स्थानांतरण प्रमाणपत्र) और रिजल्ट मांगा था। हिमांशु किराए पर कमरा लेकर पढ़ाई कर रहा था लेकिन अब आर्थिक तंगी के चलते घर के पास के स्कूल में दाखिला लेना चाहता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लेकिन स्कूल प्रशासन की तानाशाही रवैया उस पर भारी पड़ रहा है। छात्र का आरोप है कि जब वह टीसी मांगने स्कूल पहुंचा तो प्रधानाचार्य भड़क उठे और उसे जातिगत अपशब्द कहकर स्कूल गेट से बाहर कर दिया। यह घटना स्थानीय समाज और शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ा सवाल बन गई है।

कई बार लगाया चक्कर, फिर भी नहीं मिला टीसी

हिमांशु ने बताया कि वह पिछले कई हफ्तों से स्कूल का चक्कर काट रहा है लेकिन हर बार उसे कोई न कोई बहाना बताकर लौटा दिया जाता है। वह कक्षा 8 सफलतापूर्वक पास कर चुका है और अगले सत्र में दूसरी स्कूल में दाखिला लेना चाहता है, लेकिन स्कूल प्रशासन जानबूझकर उसकी पढ़ाई बाधित कर रहा है। इस दौरान उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

DAV Institution sonbhdra

पीड़ित छात्र हिमांशु

विद्यालय प्रबंधन पर उठे गंभीर सवाल

यह इंटर कॉलेज डीएवी संस्था के अंतर्गत आता है, जो कई वर्षों से स्कूल का प्रबंधन देख रही है। लेकिन आरोप हैं कि जब से डीएवी ने प्रबंधन संभाला है, तब से अब तक एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। वर्तमान में स्कूल सिर्फ 8-9 पुराने शिक्षकों के सहारे चल रहा है, जो पहले परियोजना के तहत नियुक्त किए गए थे।

स्थानीय लोगों और छात्रों का आरोप है कि स्कूल में शिक्षा का स्तर बेहद गिर चुका है। छात्रों को आंशिक रूप से ही शिक्षा दी जा रही है, जिससे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

फर्जी छात्रों और दोहरी फीस वसूली का भी आरोप

स्कूल प्रशासन पर यह भी आरोप है कि यहां फर्जी छात्रों की संख्या दिखाकर सरकारी आंकड़ों में हेराफेरी की जा रही है ताकि संस्थान का अस्तित्व बना रहे और फंडिंग मिलती रहे। इसके अलावा, स्कूल दो तरह की फीस वसूल रहा है- एक 'सरकारी' छात्रों से और दूसरी 'प्राइवेट' छात्रों से, जो पूरी तरह नियमों के खिलाफ है।

सबसे हैरानी की बात यह है कि स्कूल की इमारत पर लगे साइनबोर्ड पर भी स्कूल का वास्तविक नाम नहीं लिखा गया है, जिससे संदेह और बढ़ता है कि कहीं कोई बड़ा खेल तो नहीं चल रहा।

प्रशासन से कार्रवाई की मांग

हिमांशु ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपील की है कि उसे टीसी और रिजल्ट दिया जाए ताकि वह पढ़ाई जारी रख सके। साथ ही, स्कूल प्रबंधन पर जातिगत भेदभाव और शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की जाए। स्थानीय लोगों ने भी इस मामले को लेकर नाराजगी जताई है।

Location : 
  • Sonbhadra

Published : 
  • 22 July 2025, 1:51 PM IST