

STF उत्तर प्रदेश ने ₹50,000 के इनामी अपराधी शशांक बजाज को लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया है। वह हत्या के आरोप में जेल में बंद था और पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। अभियुक्त के खिलाफ कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं।
इनामी अपराधी शशांक बजाज
Lucknow: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पांच वर्षों से फरार चल रहे हत्या और अन्य गंभीर धाराओं में वांछित ₹50,000 के इनामी अभियुक्त शशांक बजाज को पंजाब के लुधियाना जिले के साहनेवाल क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है।
गिरफ्तारी बाते कल यानी 1 सितंबर 2025 को दोपहर लगभग 12:20 बजे की गई। यह गिरफ्तारी STF नोएडा यूनिट की एक विशेष टीम द्वारा स्थानीय पुलिस के सहयोग से की गई। टीम का नेतृत्व उप निरीक्षक अक्षय पी.के. त्यागी ने किया, जबकि पर्यवेक्षण एएसपी राजकुमार मिश्रा और डीएसपी नवेंदु कुमार द्वारा किया गया।
शशांक बजाज, निवासी ग्राम जोगीपुर, थाना कोतवाली, जनपद पीलीभीत, वर्ष 2015 में जनपद बदायूं में सुभाष चंद शर्मा की गोली मारकर हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था। इस वारदात के पीछे मेंथॉल व्यापार में आर्थिक लेन-देन और विवाद को वजह बताया गया।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
हत्या के बाद शशांक और उसका पिता देहरादून भाग गए, जहां 2015 में पुलिस मुठभेड़ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। बाद में शशांक को बदायूं और फिर पीलीभीत जेल में स्थानांतरित किया गया।
वर्ष 2020 में कोविड महामारी के दौरान जब उसे इलाज के लिए पीलीभीत जेल से अस्पताल लाया गया, तो वह वहां से पुलिस कस्टडी से फरार हो गया। इसके बाद पीलीभीत कोतवाली में उसके खिलाफ मु0अ0सं0 357/20, धारा 224/379/269/270/188 भादवि और 3/4 महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
उसकी गिरफ्तारी पर आईजी, बरेली परिक्षेत्र द्वारा ₹50,000 का पुरस्कार घोषित किया गया था।
STF को हाल ही में सूचना मिली कि शशांक पंजाब के साहनेवाल और डेवाल रोड के आसपास छिपा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए STF की टीम ने मौके पर घेराबंदी की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय उसके पास से आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किए गए।
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पूछताछ में शशांक ने अपनी उम्र 34 वर्ष बताई और कहा कि वह B.A. पास है। उसने सुभाष शर्मा की हत्या की बात भी स्वीकार की और बताया कि यह घटना पारिवारिक विवाद और धोखाधड़ी के चलते हुई थी।
शशांक बजाज के खिलाफ कुल 6 संगीन आपराधिक मुकदमे विभिन्न जनपदों में दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, महामारी अधिनियम, और पुलिस से फरारी शामिल हैं। बदायूं, देहरादून और पीलीभीत जिलों की पुलिस पहले से ही उसकी तलाश में थी। गिरफ्तारी के बाद उसे थाना कोतवाली, जनपद पीलीभीत के मुकदमे में दाखिल किया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।