

उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत देने की मांग तेज हो गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
यूपी में भीषण गर्मी से मचा हड़कंप
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। ऐसे में स्कूल आने जाने में भी बच्चों को परेशानी हो रही है। जहां इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत देने की मांग तेज हो गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, कौशांबी से समाजवादी पार्टी सांसद पुष्पेंद्र सरोज सहित कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर विद्यालयों को 30 जून तक बंद रखने की मांग की है। एमएलसी आशुतोष सिन्हा, अरुण पाठक और डॉ. बाबूलाल तिवारी ने भी इस मांग का समर्थन किया है। इन जनप्रतिनिधियों का कहना है कि गर्मी के इस कठिन दौर में जरूरी कार्य ऑनलाइन माध्यम से पूरे कराए जा सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षकों को स्कूल आने से राहत देकर घर से ही काम करने की अनुमति दी जाए।
इसी के साथ, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिक्षण सत्र में बदलाव की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने कहा है कि पहले शिक्षण सत्र 1 जुलाई से 20 मई तक चलता था, लेकिन इसे बदलकर अब 1 अप्रैल से कर दिया गया है, जो पूरी तरह अव्यवहारिक है।
त्यागी ने कहा कि अप्रैल और मई की भीषण गर्मी में बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है। इस कारण नामांकन पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षण सत्र को पूर्ववत किया जाना चाहिए।
इस बीच, शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार से सभी परिषदीय विद्यालयों को खोलने के आदेश दे दिए हैं। हालांकि, छात्रों के लिए कक्षाएं 1 जुलाई से शुरू होंगी। तब तक शिक्षकों को स्कूल में समय से उपस्थित रहकर नए सत्र की तैयारी और लंबित कार्य पूरे करने का निर्देश दिया गया है। लखनऊ के बीएसए राम प्रवेश ने जानकारी दी कि जिले के सभी 1618 परिषदीय विद्यालयों को खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं और खंड शिक्षा अधिकारियों को निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।
इसके साथ ही बच्चों के नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बीएसए ने कहा कि जिन स्कूलों में नामांकन शून्य है, उनकी विशेष समीक्षा की जा रही है। यदि कोई विद्यालय बंद मिले तो अभिभावक विभाग को सूचना दें। गर्मी की तीव्रता और स्वास्थ्य के खतरे को देखते हुए सरकार पर अब विद्यालयों को बंद रखने और सत्र में बदलाव को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है।