

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मिट्टी तेल की कालाबाजारी करने वाले आरोपी सतीश कुमार को दोषी करार देते हुए पाँच वर्ष की सजा और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह सजा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दी गई।
कालाबाजारी के आरोपी सतीश को पांच साल की सजा (Img- Internet)
Barabanki: मिट्टी तेल की कालाबाजारी के आरोप में आरोपी सतीश कुमार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट, संख्या 17, रुचि तिवारी ने दोषी करार देते हुए 5 वर्ष के कठोर कारावास और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी है। यह सजा आरोपी को आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत दी गई है। अदालत ने यह निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि कालाबाजारी से जनता को होने वाले नुकसान और सरकारी राजस्व की हानि को देखते हुए आरोपी के खिलाफ कड़ी सजा की आवश्यकता थी।
विशेष लोक अभियोजक, अमरेश विक्रम सिंह के अनुसार, यह मामला 6 जनवरी 2006 का है, जब तत्कालीन उपजिलाधिकारी फतेहपुर के साथ पूर्ति निरीक्षक मोहम्मद रफ़ी ने गुप्त सूचना मिलने पर थाना बद्दूपुर के गोड़ाईचा मोड़ पर स्थित सतीश की दुकान पर छापा मारा था। इस छापेमारी के दौरान आरोपी की दुकान से 400 लीटर अवैध मिट्टी तेल बरामद हुआ था। सतीश कुमार पर आरोप था कि वह सरकारी मिट्टी तेल को कालाबाजारी के माध्यम से बेच रहा था, जिससे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा था, बल्कि आम जनता को भी संकट का सामना करना पड़ रहा था।
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पूर्ति निरीक्षक मोहम्मद रफ़ी ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और जांच शुरू की थी। जब यह मामला अदालत में पहुंचा, तो सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया कि आरोपी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए सार्वजनिक आपूर्ति वस्तु के रूप में सरकारी मिट्टी तेल की अवैध बिक्री की थी। अदालत ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयान को ध्यान में रखते हुए सतीश कुमार को दोषी ठहराया।
अदालत के फैसले के बाद, सतीश कुमार को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही, उसे दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना न भरने पर आरोपी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस फैसले ने न केवल न्याय व्यवस्था की सख्ती को दर्शाया, बल्कि कालाबाजारी से निपटने के लिए न्यायालय के संवेदनशील रवैये को भी उजागर किया।