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गोरखपुर की महिला हेड कॉन्स्टेबल सरोज यादव की रहस्यमयी मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। करीब तीन महीने से फरार चल रहा आरोपी और पति अष्टभुज कुमार यादव अदालत में सरेंडर कर चुका है। फॉरेंसिक रिपोर्ट में मौत का कारण एल्युमीनियम फॉस्फाइड जहर पाया गया।
प्रतिकात्मक तस्वीर (Img: Google)
Gorakhpur: गोरखपुर में तैनात सीआईडी की महिला हेड कॉन्स्टेबल सरोज यादव की मौत के रहस्य ने एक बार फिर नया मोड़ ले लिया है। करीब तीन महीनों से फरार चल रहे हत्या के आरोपी और यूपी पुलिस के सिपाही अष्टभुज कुमार यादव ने आखिरकार अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के अनुसार, शाहपुर पुलिस की लगातार दबिश और बढ़ती कार्रवाई के बीच आरोपी के सरेंडर ने इस मामले में नया मोड़ ला दिया है। सरोज की संदिग्ध मौत 27 फरवरी 2025 की रात हुई थी। प्रारंभिक जांच में मामला सामान्य समझा गया, लेकिन पोस्टमार्टम में मौत का स्पष्ट कारण न मिल पाने पर विसरा सुरक्षित किया गया।
इस दौरान परिवार और विभाग दोनों ही रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे थे। महीनों बाद अगस्त में जब फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आई, तो पूरी घटना की दिशा बदल गई। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सरोज की मौत एल्युमीनियम फॉस्फाइड जहर के सेवन से हुई थी।
इसके बाद मामले ने गंभीर रूप ले लिया। सितंबर में सरोज के पिता हरीलाल यादव द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर शाहपुर पुलिस ने अष्टभुज, उसकी मां और पिता के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। सरोज के पिता, जो सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हैं, ने दामाद पर गंभीर आरोप लगाए। उनका आरोप है कि खलीलाबाद में तैनाती के दौरान अष्टभुज के एक महिला कांस्टेबल के साथ अवैध संबंध थे। जब सरोज ने इसका विरोध किया, तो उसके साथ लगातार मारपीट की जाती थी।
हरीलाल यादव के अनुसार, अवैध संबंधों को जारी रखने और सरोज के नाम पर लिए गए बड़े इंश्योरेंस से आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए साजिश रची गई और जहर देकर उसकी हत्या कर दी गई। परिवार ने बताया कि शादी के बाद सरोज के नाम 50 लाख का टर्म इंश्योरेंस, 41 लाख का संयुक्त लोन, और 20 लाख का एक अन्य बैंक लोन लिया गया था। सरोज की मौत के बाद अष्टभुज द्वारा इंश्योरेंस क्लेम करने के प्रयास भी संदेह बढ़ाते हैं।
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सरोज और अष्टभुज की शादी 11 दिसंबर 2013 को हुई थी। उनके दो बच्चे, 9 वर्षीय अनमोल और 6 वर्षीय अक्षरा हैं। परिवार का दावा है कि 27 फरवरी की रात अष्टभुज ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर सरोज को जहर दिया और अगले दिन रात 1:36 बजे परिवार को फोन कर बताया गया कि सरोज की तबीयत बिगड़ गई है। परिजनों का कहना है कि उन्हें गुमराह किया गया और असली सच छुपाया गया।
शाहपुर थाना प्रभारी नीरज राय ने पुष्टि की है कि आरोपी ने अदालत में सरेंडर कर दिया है। पुलिस अब उसकी कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी में है, ताकि घटना की असल परिस्थिति उजागर हो सके। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस जांच में तेजी लाने में जुट गई है।