

मारपीट की गंभीर घटना में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में कोतवाल की लापरवाही उजागर हुई, जिसके चलते तत्काल प्रभाव से कोतवाल को निलंबित कर दिया गया है।
लापरवाही पर कोतवाल निलंबित ( सोर्स - इंटरनेट )
देवरिया: जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र में 13 जून को हुई मारपीट की गंभीर घटना में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। वायरल वीडियो और पीड़ित की मृत्यु के बाद इस मामले में कोतवाल की लापरवाही उजागर हुई, जिसके चलते पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर ने तत्काल प्रभाव से कोतवाल रणजीत सिंह भदौरिया को निलंबित कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक युवक—हरिभजन निषाद उर्फ भोलू निषाद—को दो युवकों द्वारा बेरहमी से पीटा जा रहा है, जबकि तीसरा युवक इस पूरी घटना का वीडियो बना रहा है। यह घटना 13 जून को थाना रुद्रपुर क्षेत्र के ग्राम विट्ठलपुर में घटित हुई थी। घायल भोलू निषाद को पहले जिला अस्पताल देवरिया में भर्ती कराया गया था, लेकिन गंभीर हालत के चलते उन्हें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान 21 जून को उनकी मृत्यु हो गई।
घटना के बाद पुलिस ने पीड़ित की मां की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी राज निषाद को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया, जबकि दो अन्य अभियुक्त रतनदीप निषाद और सनी निषाद अब भी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। जिससे दोनों फरार अभियुक्तों को जल्द ही गिरफ्तार करने की उम्मीद जताई जा रही है।
पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर ने इस पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टया थाना रुद्रपुर के प्रभारी निरीक्षक रणजीत सिंह भदौरिया की भूमिका को लापरवाह पाया है। एसपी के मुताबिक, "घटना के बाद वीडियो और साक्ष्यों के बावजूद उचित तत्परता न बरतने और जांच में शिथिलता के चलते कोतवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जा रही है।" इस तरह की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एसपी ने यह भी आश्वासन दिया कि शेष दोनों फरार अभियुक्तों को जल्द ही गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई जनपद में अपराध नियंत्रण और पुलिस जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। जिससे अपराध पर नियंत्रण लगाया जा सके।