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सांडी में आरआरसी सेंटर के निर्माण में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। DM की जांच में आरोप सही पाए जाने पर तत्कालीन सचिव निलंबित और ग्राम प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए। 25 नवंबर को त्रिसदस्यीय समिति गठन होगा।
करोड़ों के घोटाले में सचिव सस्पेंड (Img source: Google)
Hardoi: सांडी क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जा रहे RRC सेंटर निर्माण में बड़े पैमाने पर धनराशि के गबन का मामला सामने आया है। आरोपों की पुष्टि होने पर जिला प्रशासन ने कठोर कार्रवाई करते हुए ग्राम खुटेहना के तत्कालीन ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया है। साथ ही ग्राम प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार भी तत्काल प्रभाव से सीज कर दिए गए हैं।
यह मामला तब सामने आया जब ग्रामसभा निवासी राघवेन्द्र ने DM को शपथपत्र देकर शिकायत की कि आरआरसी सेंटर का निर्माण अधूरा है, जबकि पूरी धनराशि निकाल ली गई है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए DM अनुनय झा ने तत्काल जांच के आदेश दिए।
DM के निर्देश पर डीपीआरओ विनय कुमार द्वारा की गई जांच में कई गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि पाँच कॉलम की जगह केवल तीन कॉलम बनाए गए।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि अधूरी संरचना पर गलत ढंग से पूरी लागत जारी कर दी गई थी। यह स्पष्ट रूप से वित्तीय अनियमितता और घोर लापरवाही का मामला है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर DM ने डीडीओ को तत्कालीन सचिव के निलंबन का आदेश दिया। साथ ही ग्राम प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं। DM ने निर्देश दिया है कि निर्माण कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए त्रिसदस्यीय समिति बनाई जाए।
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एसडीएम एन. राम के प्रस्ताव पर बीडीओ काजल ने बताया कि 25 नवंबर को एसडीएम की अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। इसके लिए सचिव विमल श्रीवास्तव को आवश्यक तैयारियाँ करने के निर्देश दिए गए हैं। समिति आगे के विकास कार्यों की निगरानी करेगी और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।
ग्राम प्रधान सतीश चंद्र ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कार्य पूर्ण हो चुका है और सभी आरोप राजनैतिक विरोधियों की साजिश हैं। हालांकि जांच रिपोर्ट ने उनके दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निर्माण कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।