

चंदौली में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने रेलवे कॉलोनी और मंडल रेल अस्पताल में पानी भरकर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रेलवे क्वार्टर में पानी भरने से रेलकर्मियों के सामान और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो गए हैं।
चंदौली में बारिश बनी आफत
Chandauli: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर पं. दीनदयाल उपाध्याय रेल डिवीजन के न्यू सेंट्रल रेलवे कॉलोनी और मंडल रेल अस्पताल में पानी भर जाने से रेल कर्मचारी, मरीज और उनके परिजन बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
न्यू सेंट्रल रेलवे कॉलोनी में बारिश का पानी लगातार जमा होने के कारण अधिकांश क्वार्टर जलमग्न हो गए हैं। इस कारण यहाँ रहने वाले रेलकर्मियों के घरों में रखा सामान, खाद्यान्न और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नष्ट हो चुके हैं। कई कर्मचारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों से कॉलोनी में पानी भरा हुआ है और इस वजह से रोज़मर्रा की जिंदगी पूरी तरह प्रभावित हो गई है। शुक्रवार की शाम से ही पानी भरना शुरू हो गया था, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली।
चंदौली में बारिश बनी आफत
मंडल रेल अस्पताल में भी शुक्रवार की शाम से बारिश का पानी भर गया है, जिससे अस्पताल के भीतर आने-जाने वाले मरीज और उनके परिजन बुरी तरह परेशान हैं। अस्पताल में जलभराव की वजह से कई बार एंबुलेंस को भी भारी पानी से गुजरना पड़ता है, जिससे जीवनरक्षक इलाज में भी देरी हो रही है। अस्पताल में मौजूद लोगों ने बताया कि डीडीयू नगर से अस्पताल तक जाने वाले रास्ते भी पानी से भरे हुए हैं, जिससे सफर कठिन हो गया है।
इस पूरे संकट के दौरान जब मीडिया ने रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया तो किसी ने भी इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। इससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन इस गंभीर स्थिति को लेकर गंभीर नहीं है। जलमग्न कॉलोनी और अस्पताल की स्थिति ने कर्मचारियों और मरीजों के बीच नाराजगी और असंतोष पैदा कर दिया है।
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रेलवे कॉलोनी और अस्पताल में जलभराव के कारण ना केवल निवासियों का जीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि सामान की क्षति और सुविधाओं में बाधा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस समस्या का जल्द समाधान नहीं निकला तो कर्मचारी और मरीज दोनों की परेशानियां बढ़ती जाएंगी। इसके अलावा, ऐसे मौकों पर समय पर प्रशासनिक कार्रवाई का अभाव भी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरती है।
बारिश के कारण जलभराव के साथ-साथ कॉलोनी और अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी सामने आई है। कई क्वार्टरों में बिजली सप्लाई प्रभावित हुई है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जलने की घटनाएं हुईं। इसके अलावा, सड़कों और रास्तों पर जमा पानी के कारण आवागमन भी प्रभावित हुआ है, जिससे अस्पताल आने-जाने वाले लोगों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
रेल कर्मचारी अपनी आमदनी से खाद्यान्न भी जमा करते हैं, लेकिन इस बार की बारिश में अधिकांश खाद्यान्न पानी में डूब गए हैं। यह कर्मचारियों के लिए आर्थिक नुकसान के साथ-साथ उनके दैनिक जीवन को भी प्रभावित करता है। कई कर्मचारियों ने बताया कि खाद्यान्न के साथ-साथ कपड़े, फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान भी खराब हो गए हैं।
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रेल कर्मचारियों और स्थानीय लोगों की तरफ से प्रशासन से अपील की जा रही है कि वे इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जलभराव का समाधान करें। कॉलोनी और अस्पताल के जल निकासी के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने। लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में नियमित रूप से निगरानी और प्रभावी जल निकासी प्रणाली से ही इस समस्या का समाधान संभव है।