

रायबरेली में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक भव्य प्रदर्शनी और कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने विभाजन की त्रासदी को याद कर पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में जिले के प्रमुख अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
मौन धारण कर श्रद्धांजलि देते अधिकारी गण
Raebareli: भारत के विभाजन की त्रासदी और उस दौरान हुई अमानवीय घटनाओं की याद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर रायबरेली में एक भावपूर्ण और भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिले में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, जिसमें विभाजन से जुड़ी ऐतिहासिक झलकियां, पीड़ितों की कहानियां और दर्द भरी यादें प्रदर्शित की गईं।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष बुद्धिलाल पासी की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर एडीएम प्रशासन, एडीएम एफआर, सीडीओ, समाज कल्याण अधिकारी, डीआईओएस और बीएसए सहित जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर विभाजन के समय मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी।
छात्र- छात्राओं ने भी रखा मौन
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा, 14 अगस्त केवल एक तारीख नहीं, बल्कि इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। इस दिन भारत माता को धार्मिक कट्टरता और नफरत की नीतियों के षड्यंत्र के तहत बांटा गया। लाखों निर्दोष लोगों की जानें गईं, असंख्य परिवार उजड़ गए।
उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें न केवल विभाजन की पीड़ा को याद दिलाता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि हम ऐसी त्रासदी को दोहरने न दें। उन्होंने कहा, हम उन सभी अनाम पीड़ितों और बलिदानियों को हृदय की गहराइयों से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह स्मृति हमारे लिए चेतावनी है और सीख भी- कि समाज को नफरत नहीं, एकता से चलाना होगा।
प्रदर्शनी में विभाजन की घटनाओं, मानवीय संकट, विस्थापन और संघर्ष की झलकियां प्रस्तुत की गईं। यह प्रदर्शनी छात्रों, युवाओं और नागरिकों के लिए एक जीवंत इतिहास पाठ की तरह रही, जिसमें उन्होंने उस दौर की पीड़ा को महसूस किया।
पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने भी इस आयोजन को एक जरूरी कदम बताया और कहा कि नई पीढ़ी को विभाजन की त्रासदी के बारे में जानना चाहिए ताकि वे देश की एकता और अखंडता के महत्व को समझ सकें।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित जनों ने यह संकल्प लिया कि देश की एकता, अखंडता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए वे सदैव प्रयासरत रहेंगे, ताकि विभाजन जैसी पीड़ा फिर कभी किसी पीढ़ी को न सहनी पड़े।