रायबरेली ईओ का बड़ा बयान, कहा आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर लगे आरोप बेबुनियाद

आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर सभासदों द्वारा जो आरोप लगाए गए थे वह निराधार हैं यह बात नगर पालिका के ईओ ने कही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 6 June 2025, 7:34 PM IST
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रायबरेली: बरसात में आम जनता को जल भराव से मुक्ति दिलाने के लिए नगर पालिका की क्विक रिस्पांस टीम मुस्तैद हो चुकी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार किसी भी प्रकार की वॉटर लॉगिंग या जल भराव की समस्या से निपटने के लिए नगर पालिका की क्विक रिस्पांस टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर जल भराव से छुटकारा दिलाएगी। इसके अलावा नगर पालिका के पास 28 मिनट कम 8 डीजल पंप और दो सेक्शन मशीन है। किसी भी प्रकार की जल भराव या समस्या से निपटने के लिए नगर पालिका पूरी तरीके से तैयार है।

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह ने ने बताया कि पूरे नगर पालिका क्षेत्र में लगभग 100 नाले हैं जिनकी सफाई एक बार हो चुकी है और पूरी कोशिश रहेगी कि समय-समय पर सफाई हो। बरसात से निपटने के लिए हमारी टीम तैयार है। जल भराव की समस्या से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम तैयार है।

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जो भी बातें चल रही है आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर वह पूरी तरीके से निराधार है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर जो भी बातें हैं वह सब भ्रामक है जिनका वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं। अभी हाल ही में नगर निकाय सचिव अनुज कुमार झा रायबरेली के दौरे पर आए थे जिनसे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के विषय पर शिकायत की गई थी।

गौरतलब है की गत दिवस स्थानीय निकाय के निदेशक अनुज कुमार झा बृहस्पतिवार को जब शहर में विकास कार्यों की हकीकत जानने पहुंचे तो सभासदों ने उन्हें अपनी शिकायत दर्ज कराई। कहा गया कि नगर पालिका में आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर धन का बंदरबांट चल रहा है।

सभासदो द्वारा कहा गया कि पालिका में करीब 400 कर्मियों की तैनाती है लेकिन 800 कर्मियों की तैनाती दिखाकर एक साल में 8.40 करोड़ रुपये खाते से निकाले गए हैं। दो माह से पालिका में तैनात कर्मियों की सूची मांगी जा रही है लेकिन सूची देने को कोई तैयार नहीं है। पालिकाध्यक्ष व ईओ की मिलीभगत से यह सब हो रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशक ने जांच कराने की बात कही।

सभासदों ने बताया कि पालिकाध्यक्ष ने नाली, खड़ंजा, सड़क निर्माण में धन का बंदरबांट किया है। एलईडी लाइटें खराब पड़ी हैं जिन्हें ठीक नहीं कराया जा रहा है। इससे वार्डों में अंधेरा रहता है। पालिकाध्यक्ष के 50 लाख के कार्य कराने के पॉवर को बोर्ड बैठक में वापस ले लिया गया है। बावजूद इसके लिखापढ़ी में इसका जवाब हम लोगों को नहीं दिया जा रहा है।

इसी तरह अन्य कई गंभीर आरोप सभासदों की तरफ से लगाए गए। निदेशक ने सभासदों की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच कराने की बात कही। इस मौके पर एडीएम प्रशासन सिद्वार्थ, ईओ स्वर्ण सिंह व कर निर्धारण अधिकारी ललितेश कुमार सक्सेना मौजूद थे।

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