

विकास खंड डीह की ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक मुक्त अभियान की पहल चल रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली: पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में 5 जून को मनाया जा रहा है। वर्ष 1972 में पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। कई गैर-सरकारी संगठनों, व्यवसायों, सरकारी संस्थाओं द्वारा समर्थित है और पर्यावरण का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्राथमिक आउटरीच दिवस का प्रतिनिधित्व करता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इसी क्रम में विकास खंड डीह की ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक मुक्त अभियान की पहल चल रही है, जिसमें लोगों को प्लास्टिक कचरे को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह अभियान न केवल प्लास्टिक प्रदूषण को कम करता है बल्कि लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी बनाता है।
खण्ड प्रेरक रंजीत कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायतो में स्थानीय लोगों को प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता हैं, जैसे कि दोबारा इस्तेमाल होने वाले बैग, पानी की बोतलें और कंटेनर का उपयोग करने को सख्त मना किया गया है तथा एकत्र किया गया प्लास्टिक रीसायकल करने वालों को बेचा जाता है या संसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
बिरनावा ग्राम पंचायत अधिकारी विवेक सिंह ने बताया कि प्लास्टिक के उपयोग के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, जैसे कि दीवार पर पेंटिंग, स्वच्छता पर श्रमदान व ग्राम पंचायतें नियमित रूप से स्वच्छता अभियान चलाती हैं ताकि गांव को प्लास्टिक मुक्त किया जा सके।
स्वच्छ भारत मिशन कम्प्यूटर ऑपरेटर ने बताया कि ग्राम पंचायतें घरों से प्लास्टिक कचरा एकत्र करने के लिए बोरियां प्रदान करती हैं या ई-रिक्शा से प्लास्टिक कचरा एकत्र करती हैं
प्लास्टिक कचरा एकत्र करने से ग्राम पंचायत को आय होती है, जो पंचायत के लिए वित्तीय स्थिरता प्रदान करती है।