

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। वह शिक्षा, शोध और प्रशासनिक क्षेत्रों में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं। बीएचयू के विकास में उनका नेतृत्व अहम रहेगा।
आईआईटी कानपुर के प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी
Lucknow: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। उनके योगदान को देखते हुए यह नियुक्ति की गई है और इस बाबत शिक्षा मंत्रालय की तरफ से आधिकारिक पत्र जारी किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रोफेसर चतुर्वेदी वर्तमान में आईआईटी कानपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में सेवाएं दे रहे थे। बीएचयू के रजिस्ट्रार को संबोधित पत्र में इस नियुक्ति की जानकारी दी गई है।
प्रो. चतुर्वेदी का शैक्षिक और प्रशासनिक करियर
प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी एक प्रमुख शैक्षिक प्रशासक और वैज्ञानिक हैं। वह पहले आईआईटी रुड़की के निदेशक भी रह चुके हैं। इसके अलावा, वह आईआईटी कानपुर में डीन (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) और उप निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
उनके कार्यकाल में संस्थान ने शोध, विकास और तकनीकी क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय प्रगति की। प्रो. चतुर्वेदी ने वेवफार्म शेपिंग और सीक्वेंस डिजाइन तथा एमआइएमओ (मल्टीपल इनपुट मल्टीपल आउपुट) सिस्टम पर महत्वपूर्ण कार्य किया है, जिसने भारत में संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया।
अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्यान्वयन
प्रो. चतुर्वेदी को हाल ही में नव स्थापित आईआईटी मंडी के कार्यवाहक निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने जनवरी 2022 तक इस पद पर कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान ने शिक्षा, शोध और उद्योगों के साथ समन्वय को और मजबूत किया। उन्होंने आईआईटी मंडी में शोध और विकास के लिए कई नए मार्ग खोले, जो संस्थान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए।
प्रोफेसर चतुर्वेदी की उपलब्धियां और पुरस्कार
बता दें कि प्रो. चतुर्वेदी को उनके शैक्षिक योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2008 में उन्हें नानयांग टेक्निकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से टैन चिन तुआन फेलोशिप प्राप्त हुई थी। इसके अलावा, उन्हें 2017 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) द्वारा शिक्षक पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त, वह तीन बार बी.टेक. प्रोजेक्ट समूह के पर्यवेक्षक के तौर पर सर्वश्रेष्ठ बीटीपी पुरस्कार जीत चुके हैं।
उद्योग और शोध में योगदान
प्रो. चतुर्वेदी ने संचार के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्ष 2009 में उन्होंने संचार पर 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन में पूर्ण सत्र वक्ता के रूप में अपनी बात रखी। इसके साथ ही, वह वर्ष 2002 में IEEE कंप्यूटर सोसाइटी इंटरनेशनल डिजाइन प्रतियोगिता के विश्व फाइनल में माइक्रोसॉफ्ट पुरस्कार जीतने वाली टीम के मेंटर भी रहे हैं। उनकी टीम ने इस प्रतियोगिता में नवाचार के लिए पुरस्कार जीता था।
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