प्रयागराज का करैलाबाग जलमग्न: ससुर खदेरी नदी की बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त, लगाए गए राहत शिविर

प्रयागराज जिले के करैलाबाग और आसपास का क्षेत्र इन दिनों बाढ़ के प्रकोप से जूझ रहा है। ससुर खदेरी नदी के उफान पर आने से इलाके में हालात भयावह होते जा रहे हैं। नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण करैलाबाग और विशेष रूप से कूड़ेखाने के पास का इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।

Prayagraj: प्रयागराज जिले के करैलाबाग और आसपास का क्षेत्र इन दिनों बाढ़ के प्रकोप से जूझ रहा है। ससुर खदेरी नदी के उफान पर आने से इलाके में हालात भयावह होते जा रहे हैं। नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण करैलाबाग और विशेष रूप से कूड़ेखाने के पास का इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत शिविर की व्यवस्था की है, लेकिन पानी की रफ्तार इतनी तेज है कि अब राहत प्रयासों पर भी संकट मंडराने लगा है। करैलाबाग में बाढ़ के पानी के चलते नावों का संचालन शुरू कर दिया गया है, ताकि लोगों की आवाजाही और आपात स्थिति में राहत कार्यों को अंजाम दिया जा सके।

ससुर खदेरी की विनाशलीला

ससुर खदेरी नदी का पानी करैलाबाग की ओर बहता है और यही वजह है कि यहां बाढ़ की आशंका हर साल बनी रहती है। दो साल पहले भी इस क्षेत्र में आई बाढ़ ने सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया था और प्रशासन को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। वही स्थिति एक बार फिर सामने आ रही है, लेकिन इस बार हालात और तेजी से बिगड़ रहे हैं। करैलाबाग के लोग इन दिनों बाढ़ के साए में जीने को मजबूर हैं। घरों में पानी घुसने से रहने और खाने की स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रशासन की ओर से लगाए गए राहत शिविरों में जगह सीमित है, जबकि पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है।

संकट गहराता जा रहा है

स्थानीय लोगों के मुताबिक, करैलाबाग में कूड़े खाने के पास के इलाके में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगर बारिश और नदी के जलस्तर में वृद्धि यूं ही जारी रही, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है। लोग डर के साए में दिन और रात काट रहे हैं। इलाके के एक निवासी ने बताया कि, “हर साल यही स्थिति होती है, लेकिन इस बार पानी बहुत तेजी से बढ़ा है। हमें डर है कि कहीं रातों-रात सबकुछ तबाह न हो जाए।”

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

हालांकि प्रशासन ने कुछ प्राथमिक कदम उठाए हैं, जैसे राहत कैंप, नावें और चिकित्सा दल की तैनाती, लेकिन स्थानीय लोग प्रशासन की तैयारी से संतुष्ट नहीं हैं। लोगों का कहना है कि बार-बार चेतावनी के बावजूद स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ।

कब मिलेगा स्थायी समाधान?

हर साल आने वाली बाढ़ ने करैलाबाग के लोगों की जिंदगी को अस्थायी बना दिया है। लोग साल दर साल अपने घरों को खाली करते हैं, नए सिरे से जीवन शुरू करते हैं, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। फिलहाल, करैलाबाग के लोग प्राकृतिक आपदा और व्यवस्था की लापरवाही, दोनों से जूझ रहे हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यही है  कब मिलेगा उन्हें राहत का स्थायी समाधान?

Location : 
  • Prayagraj

Published : 
  • 21 July 2025, 3:45 PM IST