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उत्तर प्रदेश एटीएस ने सहारनपुर से गिरफ्तार आतंकी बिलाल से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बिलाल पाकिस्तान के अलकायदा हैंडलरों के संपर्क में था और भारत में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था। जांच में सामने आया कि वह सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को जिहाद के रास्ते पर भड़काने की कोशिश कर रहा था।
जिहाद फैलाने की साजिश का खुलासा
Saharanpur: देश की सुरक्षा एजेंसियों को उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब उत्तर प्रदेश एटीएस ने सहारनपुर से एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया, जो भारत में आतंकी हमले की बड़ी साजिश रच रहा था। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान बिलाल के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान के आतंकी हैंडलरों के संपर्क में था और सोशल मीडिया के जरिए जिहादी विचारधारा फैला रहा था। अब उसकी गिरफ्तारी के बाद जो खुलासे हुए हैं, उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है।
सूत्रों के अनुसार, एटीएस को बिलाल की गिरफ्तारी के बाद उसके मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट्स से ऐसे डेटा मिले हैं, जिनमें पाकिस्तान के करीब 4000 मोबाइल नंबर दर्ज हैं। इनमें से कई नंबर अलकायदा इन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) और अन्य जिहादी संगठनों से जुड़े हैं। बिलाल के संपर्क में रहने वाले पाक हैंडलर उसे लगातार निर्देश भेज रहे थे- भारत में अस्थिरता फैलाने, सरकार को कमजोर करने और शरिया कानून लागू करने की बातें उसमें प्रमुख थीं।
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एटीएस अधिकारियों का कहना है कि बिलाल कई सोशल मीडिया ग्रुप चलाता था, जहां वह युवाओं को उकसाने वाली पोस्ट और वीडियो शेयर करता था। वह अलकायदा के मारे गए आतंकी आसिम उमर को ‘शहीद’ बताता था और उसके भाषणों के जरिए नए लोगों को जिहाद की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता था। बिलाल ने अपने ग्रुप में लिखा था- “जहां मुजाहिद्दीन का पसीना गिरेगा, वहां लोगों का खून बहाया जाएगा।” ऐसे कई संदेश उसके चैट और ग्रुप हिस्ट्री में मिले हैं।
पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि बिलाल भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को हीरो के रूप में पेश करता था। वह उन्हें “शहीद” कहकर महिमामंडन करता था और युवाओं से कहता था कि "अगर तुम जिहाद के रास्ते पर चलोगे, तो मोरक्को से लेकर फिलीपींस तक मुजाहिद्दीन तुम्हारे साथ खड़े होंगे।" एटीएस को शक है कि बिलाल ने इस प्रोपेगेंडा के जरिए कई युवाओं को प्रभावित किया।
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, बिलाल भारत में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों का बदला लेने की साजिश रच रहा था। वह दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कुछ “सॉफ्ट टारगेट्स” पर हमले की प्लानिंग कर रहा था। उसके फोन से कुछ लोकेशन कोड और कोऑर्डिनेट मिले हैं, जिनकी जांच साइबर सेल और इंटेलिजेंस एजेंसियां कर रही हैं।
सहारनपुर के बिलाल के पाक आतंकियों से गहरे रिश्ते बेनकाब
4 नवंबर से शुरू हुई रिमांड अवधि में एटीएस ने बिलाल से लगातार पूछताछ की। इस दौरान उसके मोबाइल फोन से कई चैट हिस्ट्री, फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स और विदेशी नंबरों के स्क्रीनशॉट बरामद हुए हैं। बिलाल “वीपीएन” और “इन्क्रिप्टेड चैट एप्स” का इस्तेमाल करता था ताकि एजेंसियां उसका पता न लगा सकें। जांचकर्ताओं ने उसके घर से कुछ दस्तावेज और एक डायरी भी बरामद की है, जिसमें धार्मिक उद्धरणों के साथ हमले की रणनीतियों का उल्लेख है।
एटीएस अब इस मामले में इंटरनेशनल टेरर नेटवर्क से जुड़े लिंक की पड़ताल कर रही है। सूत्रों का कहना है कि बिलाल का पाकिस्तान में बैठे एक हैंडलर से नियमित संपर्क था, जो खुद अलकायदा इन पाकिस्तान विंग का सदस्य है। बिलाल को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वह भारत में युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेले और छोटे-छोटे आतंकी मॉड्यूल खड़े करे।
इस खुलासे के बाद यूपी एटीएस, एनआईए और आईबी ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है। दिल्ली, पश्चिमी यूपी और हरियाणा के कुछ इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि बिलाल के संपर्क में कुछ और लोग भी हैं, जो अब भूमिगत हो गए हैं।
एटीएस अधिकारी का कहना है- “बिलाल अकेला नहीं था। उसके पीछे एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था। वह सोशल मीडिया के जरिए भारत में अस्थिरता फैलाने और धार्मिक आधार पर नफरत भड़काने की कोशिश कर रहा था।” फिलहाल, एटीएस ने बिलाल से मिले डिजिटल सबूतों को फॉरेंसिक लैब में भेजा है। जांच पूरी होने के बाद इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।