

उत्तर प्रदेश में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें कहा गया है कि 1600 से अधिक स्कूल शिक्षाविहीन है। पूरी खबर के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
प्राथमिक विद्यालयों को मिलेंगी पर्याप्त शिक्षक (सोर्स- इंटरनेट)
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को आठ साल बाद तबादला नीति का फायदा मिलेगा। जी हां, उत्तर प्रदेश के एक हजार प्राथमिक विद्यालयों को अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे, अब प्राथमिक विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं होंगे। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश में 1600 से अधिक प्राथमिक विद्यालय शिक्षाविहीन है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग ने आठ साल बाद जिले के अंदर सामान्य तबादला प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके पीछे का मकसद साफ़ है की जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है या फिर अत्यधिक है उनका संतुलन बनाये रखने हेतु यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग का यह प्रयास सफल रहा तो एक हजार प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।
9100 से अधिक विद्यालय में नियमित शिक्षक मौजूद
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में 1600 से अधिक विद्यालय नियमित शिक्षकविहीन हैं। जहां निकट के शिक्षक या शिक्षा मित्रों को शिक्षण कार्य में तैनात किया जा रहा है। इसी तरह 9100 से अधिक विद्यालय में एक नियमित शिक्षक हैं। इसके साथ ही शिक्षा मित्र व अनुदेशक भी तैनात हैं। जबकि काफी स्कूल ऐसे भी हैं, जहां पर बच्चों की संख्या के अनुपात में अधिक शिक्षक तैनात हैं।
ऐसे में विभाग यह प्रयासरत है की सामान्य तबादलों से इन शिक्षकविहीन व एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में ज्यादा शिक्षक वाले विद्यालयों का संतुलन बने। यही वजह है कि आठ साल बाद हो रहे जिले के अंदर व एक साल बाद हो रहे एक से दूसरे जिले में सामान्य तबादलों का मुख्य आधार यू-डायस पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर आरटीई के मानकों को बनाया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग कि इस कवायद से जहां उसकी दिक्कतें कम होंगी वहीं स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात भी सुधरेगा।
अधिक शिक्षक वाले स्कूलों व जिलों को किया जाए चिह्नित
इसका असर परिषदीय विद्यालयों की पठन-पाठन व्यवस्था पर पड़ेगा। शासन की ओर से जारी तबादला निर्देश में यह भी कहा गया है कि आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले स्कूलों व जिलों को चिह्नित किया जाएगा। इनकी सूचना भी पोर्टल पर ऑनलाइन जारी की जाएगी। इसके अनुसार शिक्षक अपना 10 प्राथमिकता वाला विकल्प देंगे। विभाग शिक्षकों का तबादला उनकी स्वेच्छा से ही ज्यादा से कम शिक्षक संख्या वाले विद्यालयों व जिलों में करेगा।
गर्मी की छुट्टियों में प्रक्रिया पूरी करने की योजना पर बल
बेसिक शिक्षा विभाग ने 2023 में एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की प्रक्रिया 24 दिन में पूरी की थी। इसमें 16614 शिक्षकों को तबादले का अवसर मिला था। ऐसे में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस साल भी गर्मी की छुट्टियों में ही सामान्य तबादला करने की तैयारी है। बता दें कि वर्तमान में जिले के अंदर और एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की प्रक्रिया पहले से चल रही है।
हुए वर्तमान तबादलों पर भी पड़ सकता है असर
प्रदेश में चल रही परस्पर तबादले की प्रक्रिया के बीच शासन ने सामान्य तबादले का आदेश जारी कर दिया है। शिक्षक नेताओं की माने तो इसका असर वर्तमान में चल रही प्रक्रिया पर भी पड़ेगा। शिक्षक नेता निर्भय सिंह ने बताया कि सामान्य तबादले में कहा गया है कि आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले स्कूलों व जिलों को चिह्नित किया जाएगा। इसके अनुसार आवश्यकता वाले स्कूलों व जिलों में शिक्षकों का तबादला किया जाएगा।
ऐसे में अगर परस्पर तबादला पाने वाला शिक्षक, जहां आ रहा है। वहां पहले से शिक्षकों की संख्या बेहतर है तो सामान्य तबादले में वह फिर कहीं भेजा जा सकता है। हालांकि शासन ने स्पष्ट किया है कि तबादला स्वेच्छा से ही किया जाएगा। वहीं सामान्य तबादले में जाने वाला शिक्षक संबंधित जिले में वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे होगा। इसकी वजह से भी काफी शिक्षक तबादला नहीं लेना चाहेंगे। क्योंकि उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी।