

फरेंदा ब्लॉक के सरकारी आवासों पर कब्जे का मामला सामने आया हैं। पढिए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कार्यालय खण्ड विकास अधिकारी
महराजगंज: जनपद से एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने है, जहां फरेंदा ब्लॉक परिसर में बने सरकारी आवासों पर लंबे समय से अन्यत्र विभाग में तैनात कर्मचारियों का कब्जा बना हुआ है। ऐसे कर्मचारी जो फरेंदा ब्लॉक से संबद्ध नहीं हैं, फिर भी वर्षों से इन आवासों में रह रहे हैं, वह भी बिना किसी वैध आदेश या अनुमति के।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस कब्जे के कारण फरेंदा ब्लॉक में वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्हें या तो किराए के मकान में रहना पड़ रहा है या फिर आवास न मिलने के कारण रोजाना लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
प्रशासन बना है मौन दर्शक
ब्लॉक प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया गया है। शिकायतों के बावजूद अवैध रूप से रह रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को न तो नोटिस जारी हुआ है और न ही आवास खाली कराने की कार्रवाई की गई है।
प्रमुख बिंदु
फरेंदा ब्लॉक के सरकारी आवासों पर बाहरी कर्मचारियों का कब्जा।
वैध आवंटन या स्थानांतरण आदेश नहीं।
स्थानीय कर्मियों को नहीं मिल पा रहे आवश्यक सुविधाएं।
प्रशासन की चुप्पी से व्यवस्था पर उठे सवाल
फरेंदा ब्लॉक में सरकारी आवासों का दुरुपयोग और प्रशासनिक अनदेखी साफ झलक रही है। ऐसे में आवश्यकता है कि जिला प्रशासन तत्काल संज्ञान लेकर कब्जा हटवाए और वास्तविक जरूरतमंद कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराए। यदि यह स्थिति बनी रही, तो कर्मियों में असंतोष और अव्यवस्था और अधिक बढ़ेगी।
जब इस मामले में BDO फरेंदा अतुल कुमार त्रिवेदी से बात करना चाहा तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। फोन रिसीव न होने से ये अंदेशा लगाया जा सकता है कि अपने ब्लॉक के जिम्मेदारियों को लेकर फरेंदा BDO कितने लापरवाह हैं।