

उत्तर प्रदेश के बेवर कस्बे में एक मासूम बच्चे की झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण मौत हो गई। मामूली बुखार में इलाज के नाम पर गलत तरीके से ड्रिप लगाई गई, जिससे बच्चे की हालत बिगड़ गई। जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।
बच्चे की मौत पर मचा हड़कंप
Mainpuri: जिले के बेवर कस्बे से एक दर्दनाक और चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार को मामूली बुखार से पीड़ित एक मासूम बच्चे की जान एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण चली गई। मासूम की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है और पूरे कस्बे में आक्रोश का माहौल है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बेवर थाना क्षेत्र के खाकेताल गांव निवासी अशोक कुमार का पुत्र साहिल (उम्र करीब 4 साल) सोमवार सुबह हल्के बुखार की शिकायत पर घरवालों के साथ गांव के एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर के पास गया था। जब वहां से आराम नहीं मिला, तो परिजन उसे बेवर कस्बे के मोटा रोड स्थित भीमनगर में संचालित श्याम क्लीनिक लेकर पहुंचे।
Mainpuri: मासूम बच्चे को मामूली बुखार की शिकायत के लिए क्लीनिक में एडमिट कराया गया, वहां मासूम की हालत बिगड़ गई जिसक बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना से परिजनों और इलाके में हाहाकार मचा हुआ है।#Mainpuri #LatestNews #UPPolice #UPnews pic.twitter.com/cOszkiX4m8
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 2, 2025
श्याम क्लीनिक में मौजूद डॉक्टर ने पहले बच्चे का टेस्ट पास की सुमंगलम पैथोलॉजी लैब से करवाया और फिर रिपोर्ट आने पर इलाज शुरू किया। बच्चे को ड्रिप लगाई गई, लेकिन बोतल ठीक से नहीं चल पाने के कारण डॉक्टर ने सिरिंज की मदद से पूरी दवा एक साथ शरीर में चढ़ा दी। यह कदम बच्चे के शरीर पर भारी पड़ गया। कुछ ही देर में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।
जब परिजनों ने डॉक्टर को इस बारे में सूचित किया तो उन्होंने पहले तो आश्वस्त किया कि बच्चा सो रहा है। लेकिन जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होती गई, परिजनों ने हंगामा किया। तब डॉक्टर ने आनन-फानन में अपनी निजी गाड़ी से बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से हालत गंभीर बताकर उसे सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। सैफई पहुंचने पर डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। यह खबर सुनते ही परिवार में मातम छा गया। मृतक साहिल तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था और उसके पिता अशोक कुमार स्थानीय ईंट भट्टे पर मजदूरी करते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर इस परिवार के लिए यह हादसा गहरा सदमा बन गया है।
परिजनों ने श्याम क्लीनिक और संबंधित पैथोलॉजी लैब के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि बेवर कस्बे और आस-पास के क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों का नेटवर्क बहुत सक्रिय है और प्रशासनिक चुप्पी ने इनके हौसले बढ़ा दिए हैं।
वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। पूर्व में भी कई लोगों की जान इस तरह की लापरवाही के कारण जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। झोलाछाप डॉक्टर पैथोलॉजी लैब के साथ मिलीभगत कर मरीजों का न केवल आर्थिक शोषण कर रहे हैं बल्कि उनकी जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।