

शाहरुख पठान ने एसटीएफ टीम पर 10 से अधिक राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मुठभेड़ में शूटर शाहरुख पठान ढेर
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मेरठ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को रविवार देर रात एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस और अपराधियों के बीच थाना छपार क्षेत्र के बिजोपुरा तिराहे पर हुई मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर और संजीव जीवा-मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़ा शार्प शूटर शाहरुख पठान मारा गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, एसटीएफ एएसपी बृजेश कुमार ने जानकारी दी कि शाहरुख पठान ने एसटीएफ टीम पर 10 से अधिक राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
"शाहरुख पठान" एक कुख्यात अपराधी का अंत
शाहरुख पठान मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। हत्या, रंगदारी, हत्या के प्रयास और धमकी जैसे गंभीर अपराध शामिल थे। वर्ष 2015 में पुलिस कस्टडी में हत्या, वर्ष 2017 में गवाह और उसके पिता की हत्या, वर्ष 2017 में हरिद्वार में व्यापारी गोल्डी की हत्या और वह वर्ष 2017 में 50 हजार रुपये का इनामी अपराधी घोषित हुआ था।
गोल्डी मर्डर केस में गया था जेल
शाहरुख पहले भी गिरफ्तार हो चुका था और गोल्डी मर्डर केस में गैंगस्टर संजीव जीवा के साथ उम्रकैद की सजा पा चुका था। कुछ महीने पहले जमानत पर जेल से बाहर आया था और फिर से गवाहों को धमकाने में जुट गया। इसी सिलसिले में संभल में हत्या के प्रयास और धमकी का केस दर्ज किया गया था, जिसमें वह वांछित चल रहा था।
शाहरुख के कब्जे से क्या-क्या मिला?
एसटीएफ को शाहरुख के पास से तीन पिस्टल, एक 9 एमएम की देसी पिस्टल, 60 से अधिक कारतूस और एक कार मिली हैं। एसटीएफ ने शाहरुख की घेराबंदी कर उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें वह घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
माफिया कनेक्शन और जेल के अंदर की कहानी
जेल में रहते हुए शाहरुख पठान की संपर्क बना संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा और मुख्तार अंसारी से। इसके बाद वह जीवा गैंग का शूटर बन गया और गैंग के इशारे पर एक के बाद एक हत्याएं करता गया। फरारी के दौरान उसने गवाहों को डराने और खत्म करने की योजना पर काम किया।
"उसे जिंदा पकड़ने की कोशिश थी"
एएसपी बृजेश कुमार ने बताया कि शाहरुख की लंबे समय से तलाश की जा रही थी। उसे जिंदा पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन उसने पहले फायरिंग कर दी। मुठभेड़ में ढेर किए जाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस पूरे नेटवर्क की तलाशी और जानकारी इकट्ठा करने में जुट गई है।