

चंदौली के मुगलसराय-चकिया मार्ग पर बाढ़ में फंसी बस पलट गई, लेकिन सैकड़ों ग्रामीणों की मदद से सभी यात्री सुरक्षित बाहर निकाले गए। प्रशासन ने लापरवाह चालकों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हादसा बाढ़ प्रभावित इलाके में सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करता है।
लापरवाही से चली बस पलटी
Chandauli: मुगलसराय-चकिया मार्ग पर सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया जब बाढ़ के कारण पानी में डूबी सड़क पर सवारियों से भरी एक बस पलट गई। हालांकि, यह घटना इतनी भयावह थी कि अगर समय पर ग्रामीण मदद के लिए नहीं पहुंचते तो दर्जनों यात्रियों की जान जा सकती थी।
घटना बबूरी थाना क्षेत्र के शीनाथपुर गांव के समीप हुई, जो चंदौली और मिर्जापुर की सीमा के पास स्थित है। मुगलसराय से करीब दो दर्जन सवारियों को लेकर जा रही बस तेज बहाव वाले पानी में सड़क किनारे पलट गई। सड़क पर लगभग 3 फीट से अधिक ऊंचाई तक बाढ़ का पानी बह रहा था, जिसके कारण यह सड़क पूरी तरह से यातायात के लिए बंद थी। पुलिस अधीक्षक आदित्य लाग्हे के आदेश पर शनिवार शाम से इस मार्ग पर यातायात रोक दिया गया था।
फिर भी बस चालक ने बाढ़ से डूबी सड़क पर चलाने का जोखिम उठाया, जिससे बस पानी में फंस गई और पलट गई। हादसे के समय बस में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सवार थे। जैसे ही बस पलटी, सैकड़ों ग्रामीण मौके पर दौड़े और शीशा तोड़कर फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला। इन ग्रामीणों की तत्परता और हिम्मत से बड़ा हादसा टल गया।
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बस का पलटना संयोग से कुछ हद तक सड़क किनारे खड़े एक पेड़ या बड़े पत्थर से टकराकर तिरछी स्थिति में रुक गया, जिससे बस पूरी तरह से डूबने से बच गई। यदि बस गहरे पानी में पूरी तरह डूब जाती तो परिणाम बहुत गंभीर हो सकता था। हालांकि बाढ़ के कारण मुगलसराय-चकिया मार्ग पर पिछले तीन दिनों से यातायात बंद था, लेकिन चालक ने नियमों की अनदेखी की और जोखिम भरे मार्ग पर बस चलाई। स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस ने इस कार्यवाही की कड़ी निंदा की है।
ग्रामीणों ने बचाई यात्रियों की जान
ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी गड़ई नदी और चंद्रप्रभा नदी के कारण इतना तेज बह रहा था कि सड़क पर पानी का बहाव लगातार बढ़ रहा था। ऐसी स्थिति में वाहन चलाना अत्यंत जोखिम भरा था। ग्रामीणों ने कहा, हमें देखकर ही समय रहते मदद के लिए दौड़े, अन्यथा बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग पानी में फंस जाते।
पुलिस अधीक्षक आदित्य लाग्हे ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और ऐसे लापरवाह चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों को नजरअंदाज कर ऐसा कदम उठाना अनुचित है और जान जोखिम में डालने जैसा है।
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अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर ऐसी स्थिति में किसी की मौत होती तो जिम्मेदार कौन होता। स्थानीय लोग भी इस बात पर चिंतित हैं कि प्रशासन द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना क्यों की जाती है। चंदौली- मिर्जापुर सीमा क्षेत्र में लगातार बाढ़ के कारण हालात गंभीर बने हुए हैं। प्रशासन ने सड़क बंद कर दी है, मगर लोग जोखिम उठाकर भी सड़कों पर निकलते हैं। इस घटना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को दोहराया है।