

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने मुरादाबाद मंडलायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
किसानों ने मुरादाबाद मंडलायुक्त कार्यालय पर किया प्रदर्शन ( सोर्स - रिपोर्टर )
मुरादाबाद: किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले मंगलवार को किसानों ने मुरादाबाद मंडलायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर मंडलायुक्त से मिलने की जिद पर अड़े किसानों ने न सिर्फ नारेबाजी की, बल्कि उनके नहीं आने पर कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। किसानों के तेवर देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इससे पहले किसानों ने पीडब्लूडी निरीक्षण भवन में मासिक बैठक आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता मंडलाध्यक्ष मनोज चौधरी ने की। बैठक में गन्ना भुगतान, एमएसपी कानून, आवारा पशुओं की समस्या, फसल की कीमतों में पारदर्शिता, चकबंदी विभाग में रिश्वतखोरी जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। मनोज चौधरी ने कहा कि किसानों की इन समस्याओं के समाधान के लिए मंडलायुक्त से मुलाकात जरूरी है, इसलिए धरने का निर्णय लिया गया।
किसानों ने आरोप लगाया कि गन्ना मिलों द्वारा बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है और यूरिया खाद के साथ जबरन नैनो यूरिया की शीशी थमाई जा रही है। उन्होंने मूंडापांडे एयरपोर्ट के आसपास की जमीन का सर्किल रेट बढ़ाने, सहकारी बैंक से लिए जा रहे सात प्रतिशत ब्याज को घटाने, बिजली कटौती पर रोक लगाने और शेड्यूल के अनुसार विद्युत आपूर्ति देने की मांग भी रखी।
प्रदर्शनकारी किसानों ने मंडलायुक्त को सौंपे जाने वाले ज्ञापन में तेंदुओं व अन्य जंगली जानवरों से किसानों की सुरक्षा, एम्स जैसे अस्पताल की स्थापना और खेतों में जानवरों से फसल बचाने के लिए ठोस व्यवस्था की मांग की है।
शाम करीब पौने छह बजे मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह और जिलाधिकारी अनुज सिंह कार्यालय पहुंचे, लेकिन किसान ज्ञापन को धरनास्थल पर आकर लेने की मांग पर अड़े रहे। समाचार लिखे जाने तक किसान धरने पर डटे थे और प्रशासनिक अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद थे।
धरने में डॉ. चंद्रपाल सिंह, धनेन्द्र शर्मा, बाबूराम तोमर, सत्यवीर सिंह, यशपाल सिंह, मनपाल सिंह, धर्मेंद्र चौधरी, जयवीर सिंह व डॉ. चरन सिंह सहित कई किसान नेता मौजूद रहे। एसडीएम और सीओ सिविल लाइंस की निगरानी में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।