

बुलंदशहर के शिकारपुर के श्यामलाल डिग्री कॉलेज में मिशन शक्ति फेज 5.0 और साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया। पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने और डिजिटल सुरक्षा के महत्व पर जागरूक किया। सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने इस पहल में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
बुलंदशहर में बेटियों को बनाया गया सशक्त
Bulandshahr: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में महिलाओं की सुरक्षा और साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता को लेकर एक पहल सामने आई है। जनपद के शिकारपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित श्यामलाल डिग्री कॉलेज में मिशन शक्ति फेज 5.0 और साइबर क्राइम अवेयरनेस कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।
इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य था छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने, साइबर अपराध से सतर्क रहने और महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे सरकारी प्रयासों के प्रति जागरूक करना। कार्यक्रम में सीओ शिकारपुर, कोतवाली प्रभारी, मिशन शक्ति प्रभारी, अन्य पुलिस अधिकारी और भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
मंच से छात्राओं को संबोधित करते हुए सीओ शिकारपुर ने कहा, “आज का समय आत्मनिर्भरता का है। हमारी बेटियों को चाहिए कि वे मानसिक, शारीरिक और डिजिटल रूप से सक्षम बनें ताकि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकें।”
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उन्होंने यह भी कहा कि मिशन शक्ति सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है, जिसका मकसद है महिलाओं को हर क्षेत्र में सशक्त बनाना। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित किया कि वे खुद भी आगे बढ़ें और दूसरों को भी जागरूक करें।
कोतवाली प्रभारी शिकारपुर ने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे पर विस्तार से चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं को बताया कि डिजिटल युग में सतर्क रहना बेहद जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा, “अगर किसी छात्र या छात्रा के साथ ऑनलाइन ठगी, हैकिंग, फेक प्रोफाइल या साइबर फ्रॉड जैसी कोई घटना होती है, तो बिना समय गंवाए तत्काल पुलिस को सूचना दें।”
उन्होंने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, 112 और 181 की भी जानकारी दी। साथ ही बताया कि इन नंबरों पर तुरंत संपर्क कर सहायता ली जा सकती है।
कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी दिखाई और पुलिस अधिकारियों से सीधे सवाल-जवाब भी किए। कुछ छात्राओं ने साइबर बुलिंग, सोशल मीडिया सुरक्षा और महिला सुरक्षा से जुड़े विषयों पर अपने सवाल रखे, जिनका अधिकारियों ने सहजता से उत्तर दिया।
कार्यक्रम के दौरान फ्लेक्स, पोस्टर और स्लाइड प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई गई। छात्राओं को मिशन शक्ति से संबंधित केस स्टडीज भी सुनाई गईं, जिससे वे यह समझ सकें कि कैसे सतर्कता से वे खुद को और दूसरों को बचा सकती हैं।
कार्यक्रम के अंत में पुलिस अधिकारियों ने अपील की कि छात्राएं न केवल खुद सजग रहें, बल्कि अपने परिवार, मोहल्ले और सहपाठियों को भी मिशन शक्ति के संदेश से जोड़ें। सीओ शिकारपुर ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। अगर हर व्यक्ति सतर्क और जागरूक हो जाए, तो अपराध खुद-ब-खुद कम हो जाएंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि बुलंदशहर पुलिस मिशन शक्ति के अंतर्गत हर महीने विद्यालयों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला रही है और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे। कॉलेज प्रशासन और छात्र-छात्राओं ने इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से होने चाहिए ताकि युवा पीढ़ी डिजिटल और सामाजिक खतरों के प्रति सजग हो सके।
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कॉलेज की एक छात्रा ने कहा, “आज के कार्यक्रम से हमने न केवल साइबर क्राइम के बारे में जानकारी ली, बल्कि यह भी सीखा कि मुश्किल समय में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि सही कदम उठाना चाहिए।” ऐसी पहलें लगातार होती रहीं, तो निश्चित ही समाज में महिलाओं की स्थिति सशक्त होगी और साइबर अपराधों में भी गिरावट आएगी।