

जिलाधिकारी दीपक मीणा के निर्देश पर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन सभागार में कृषक दुर्घटना बीमा योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) हिमांशु वर्मा ने की।
किसान दुर्घटना बीमा की समीक्षा
गोरखपुर: जिलाधिकारी दीपक मीणा के निर्देश पर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन सभागार में कृषक दुर्घटना बीमा योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) हिमांशु वर्मा ने की। इस दौरान उन्होंने सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि माह के अंत तक किसी भी तहसील में कृषक दुर्घटना बीमा की एक भी फाइल लंबित नहीं रहनी चाहिए। यदि किसी भी तहसील की फाइल पेंडिंग पाई गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तय है।
जानकारी के मुताबिक, सीआरओ वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की यह योजना किसानों और उनके परिवारों की आर्थिक सुरक्षा से जुड़ी है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या विलंब अस्वीकार्य है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शासन का उद्देश्य दुर्घटनाग्रस्त किसानों या उनके आश्रितों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराना है, ताकि संकट की घड़ी में उन्हें राहत मिल सके। “फाइलों के निस्तारण में अनावश्यक देरी किसानों के हितों के विपरीत है,”
फाइलों की सूची तत्काल तैयार
बैठक में सीआरओ ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लंबित फाइलों की सूची तत्काल तैयार करें और प्राथमिकता के आधार पर उनका निस्तारण करें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर फाइलों को बिना कारण रोके जाने की स्थिति में संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
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अधिकारी अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन
उन्होंने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय पर पहुँचना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझें और पारदर्शिता व तत्परता के साथ कार्य करें। सीआरओ वर्मा ने स्पष्ट कहा कि जो अधिकारी अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र की प्रगति
बैठक में सभी तहसीलों से आए अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। कई तहसीलों ने अधिकांश फाइलों के निस्तारण की जानकारी दी, जबकि कुछ ने शेष फाइलों को जल्द निपटाने का आश्वासन दिया।
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अंत में सीआरओ वर्मा ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि किसी भी पात्र किसान को आर्थिक सहायता पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें। सभी अधिकारी किसान हित में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें ताकि शासन की योजनाओं का वास्तविक लाभ जमीनी स्तर तक पहुँच सके।