

शिवाजी रोड निवासी संजय अग्रवाल एक सर्विस प्रोवाइडर हैं। जो अस्पतालों के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि बीते महीने सोशल मीडिया के जरिए उनकी पहचान पारुल राजपूत नाम की महिला से हुई।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Meerut News: सोशल मीडिया पर एक महिला से हुई ऑनलाइन दोस्ती एक कारोबारी के लिए भारी पड़ गई। ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच देकर महिला ने कारोबारी से 13 लाख रुपये की ठगी कर ली। अब जब कारोबारी ने अपना पैसा वापस मांगने की कोशिश की तो उससे 30 प्रतिशत राशि ‘पर्सनल इनकम टैक्स’ के नाम पर और मांगी गई। पूरे मामले की शिकायत साइबर थाने में दर्ज करा दी गई है और साइबर सेल खातों की जानकारी खंगालने में जुट गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, शिवाजी रोड निवासी संजय अग्रवाल एक सर्विस प्रोवाइडर हैं। जो अस्पतालों के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि बीते महीने सोशल मीडिया के जरिए उनकी पहचान पारुल राजपूत नाम की महिला से हुई। बातचीत के दौरान पारुल ने खुद को एक अनुभवी ट्रेडिंग एक्सपर्ट बताया और संजय को भी इस फील्ड में मुनाफा कमाने का भरोसा दिलाया।
फिर पारुल ने शुरू कर दिया खेल
महिला ने एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म UBS ट्रेडिंग सेंटर का जिक्र किया और संजय को इसमें खाता खुलवाने को कहा। शुरुआत में भरोसा जीतने के लिए उसने 10 हजार रुपये इन्वेस्ट करवाए और कुछ ही देर में उसका मुनाफा उनके खाते में भेज दिया। इस तरह संजय का विश्वास पूरी तरह जीत लिया गया।
शक हुआ तो पारुल ने पलटा गेम
इसके बाद संजय ने 11 बार में कुल 13 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए। लेकिन जब उन्होंने अपने निवेश की रकम वापस मांगनी चाही तो महिला ने कहा कि पहले खाते में कुल रकम की 30 प्रतिशत राशि पर्सनल इनकम टैक्स के रूप में जमा करनी होगी। इस पर संजय को शक हुआ और जब उन्होंने कंपनी के अन्य नंबरों पर संपर्क किया तो सभी ने एक ही जवाब दोहराया।
साइबर टीम जांच में जुटी
संजय अग्रवाल ने तत्काल पूरे मामले की शिकायत साइबर थाना, मेरठ में दर्ज कराई। थाना प्रभारी जेपी यादव ने बताया कि यह एक सुनियोजित साइबर फ्रॉड है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन ट्रेडिंग और बैंकिंग करते समय हमेशा प्रमाणित और सुरक्षित वेबसाइट का ही उपयोग करना चाहिए। यूआरएल में "https" होना जरूरी है। जिससे यह पता चले कि वेबसाइट सुरक्षित है।
पुलिस अफसर का बयान
एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने बताया कि पीड़ित द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी खातों की जानकारी साइबर एक्सपर्ट टीम को दी गई है और जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द पैसे कमाने की चाह में लोग साइबर अपराधियों का आसान शिकार बन जाते हैं। ऐसे मामलों में जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
क्या कहता है साइबर एक्सपर्ट समुदाय?
साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों में आम तौर पर शातिर साइबर अपराधी पहले छोटे लाभ देकर भरोसा जीतते हैं, फिर धीरे-धीरे बड़ी रकम वसूल कर लेते हैं। जब निवेशक रकम निकालने की कोशिश करता है, तो उसे टैक्स, प्रोसेसिंग फीस या अन्य बहानों से और पैसे देने के लिए मजबूर किया जाता है।
सावधानी ही सुरक्षा है