Mahoba News: महोबा में पेयजल संकट:सूखी पाइपलाइन और टूटे हैंडपंप;जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के महोबा में पेयजल संकट का मामला सामने आया है। जिससे जनता परेशान है, पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 2 May 2025, 2:49 PM IST
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महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा में जल संकट से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है। पूरा मामला महोबा शहर के शेखुन नगर का है। जहां करीब 4000 लोग हर दिन पानी के लिए तरसते हैं। इसके बाद भी अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गर्मी के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जब चिलचिलाती धूप में पानी के बिना जीवन दूभर हो जाता है।

क्या है पूरा मामला

शेखूनगर मोहल्ला ऊंचाई पर बसा होने के कारण यहां पाइपलाइनें सूखी हैं। पिछले 3 महीने से यहां की पाइपलाइनें बंद हैं। जिससे पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाती है। हैंडपंप भी कई जगह पर टूट चुके है। जिससे स्थानीय लोग पानी के लिए मजबूर होकर दूर-दराज के इलाकों में जाने को मजबूर हैं। महिलाओं को सिर पर बाल्टियां, डब्बे और ड्रम लेकर एक किलोमीटर से भी अधिक दूरी तय करना पड़ रहा है। कई बार खाली बर्तनों को लेकर लौटना पड़ता है। जिससे उनकी थकान और निराशा साफ झलकती है। बच्चे पानी की लाइन में खड़े होकर अपने बचपन को पानी की चिंता में बिताने को मजबूर है।

क्या है मुख्य समस्या

शेखूनगर की मुख्य समस्या यहाँ की सप्लाई व्यवस्था का अभाव है। पानी की समस्या से लोगों में काफी अक्रोश देखने को मिल रहा है। उनका मानना है कि न तो सरकारी योजनाएँ यहाँ सफल हो रही है और न ही जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहें है।

'हर घर नल से जल’ योजना पर जनता के सवाल

इस समस्या से 'हर घर नल से जल' योजना का जुमला तो सरकारी कागजों में ही दिखता है। जमीन पर कुछ भी नही है। ग्रामीणों में इस बात को लेके चिंता है कि उनके समस्या को कोई सुनने वाला नही है। स्थानीय सभासद आनंद श्रीवास का भी मानना है कि यहाँ कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, जिससे पानी की समस्या का स्थायी समाधान हो सके।

मोहल्ले की क्या मांगें है?

इस समस्या को लेकर मोहल्ले के लोग मांगे कर रहे है कि कम से कम जीवन यापन के लिए पानी की व्यवस्था हो। वे चाहते है कि यहाँ एक स्थायी और पर्याप्त पानी की टंकी बनाई जाए, और जब तक यह निर्माण पूरा नही हो जाता,तब तक पर्याप्त और साफ पानी से भरपूर टैंकर नियमित रूप से भेजें जाएं। वर्तमान में आने वाले टैंकर भी अपर्याप्त है और उनमें गंदा पानी आता है। जिससे स्वास्थय संबंधी खतरे बढ़ गए है।

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