

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद मुख्यालय के मूल निवासी जफ़ीर अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश की शपथ ले ली है। जफ़ीर अहमद के हाई कोर्ट में जज बनने से उनके गृह जनपद महराजगंज में हर्ष की लहर है।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली की मौजूदगी में न्यायाधीश पद की शपथ लेते हुए जफ़ीर अहमद
Maharajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद निवासी जफ़ीर अहमद को गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जस्टिस जफ़ीर अहमद नगर पालिका परिषद महराजगंज के वीर बहादुर नगर निवासी स्वर्गीय जमीर अहमद के पुत्र हैं। उनकी स्कूली शिक्षा महराजगंज जनपद में ही पूरी हुई। इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश के पद पर तैनाती से पहले वह गोंडा के जिला जज के पद पर नियुक्त रहे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की पिछले माह हुई बैठक में इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में जफ़ीर अहमद समेत तीन जजों के नियुक्ति की सिफारिश की गयी थी। केन्द्र सरकार की सहमति के बाद अधिसूचना जारी की गई।
जफीर अहमद के अलावा, इलाहबाद हाई कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त होने वालों में प्रमोद कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) और संतोष राय शामिल हैं।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, जफीर अहमद को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हुएकौन हैं जफीर अहमद
जफीर अहमद का जन्म 30 जनवरी 1970 को महाराजगंज जिले में हुआ था। उन्होंने हाईस्कूल की पढाई इंटर कॉलेज महराजगंज से और इंटरमीडिएट की पढ़ाई गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक इंटर कॉलेज महराजगंज से की।
उन्होंने जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज महाराजगंज से स्नातक की पढ़ाई की, जबकि लॉ (विधि) की पढ़ाई उन्होंने संत विनोबा पीजी कॉलेज देवरिया से पूरी की। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1996 - 97 से लेकर 2008 तक दीवानी न्यायालय महराजगंज में वकालत भी की।
बता दें उन्होंने 15 दिसंबर 2008 को न्यायिक सेवा में प्रवेश किया था। उन्होंने अपने करियर में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी हैं। वह 2008 से 2010 तक आजमगढ़ में अतिरिक्त जिला जज रहे और 2010-11 में आजमगढ़ में स्पेशल जज EC एक्ट के रूप में कार्य किया। इसके बाद लखीमपुर खीरी, इटावा और प्रतापगढ़ में अतिरिक्त जिला जज के पद पर कार्यरत रहे।
जफीर अहमद 2019-20 में लखनऊ के वाणिज्यिक न्यायालय में पीठासीन अधिकारी रहे। 2020 से 2022 तक बदायूं के जिला जज रहे। 2022-23 में झांसी और अगस्त 2023 से अप्रैल 2025 तक अमरोहा में जिला जज के पद पर कार्यरत थे। वे 31 जनवरी 2030 को सेवानिवृत्त होंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का न्यायाधीश बनना न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि महराजगंज जिले के लिए भी एक सम्मान की बात है।